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सड़क पर तड़पते घायल जानवर को देखकर पसीज गया दिल, उठाया ऐसा कदम कि आज 13 लाख की जिंदगी बचा चुके!

Last Updated:March 16, 2025, 13:03 IST

Free Animal Treatment: राजकोट का करुणा फाउंडेशन 24 घंटे पशु-पक्षियों की सेवा करता है. मितल खेतानी ने 21-22 साल पहले इस संस्था की शुरुआत की थी. 11 एम्बुलेंस के साथ 13 लाख पशु-पक्षियों का इलाज किया है.एक कॉल ने बदल दी सोच! उठाया ऐसा कदम कि आज 13 लाख की जिंदगी बच गई

राजकोट: करुणा फाउंडेशन की 24 घंटे पशु-पक्षियों की सेवा

हाइलाइट्स

करुणा फाउंडेशन 24 घंटे पशु-पक्षियों की सेवा करता है.अब तक 13 लाख पशु-पक्षियों का इलाज किया गया है.संस्था के पास 11 एम्बुलेंस हैं और 100 से अधिक लोग जुड़े हैं.

राजकोट: शहर में कार्यरत करुणा फाउंडेशन एक ऐसी संस्था है जो 24 घंटे पशु-पक्षियों की सेवा में तत्पर रहती है. यह संस्था 365 दिन पशु-पक्षियों की सेवा के लिए कार्यरत है. जहां भी आपको कोई बीमार पशु या पक्षी दिखे और आप करुणा फाउंडेशन की हेल्पलाइन पर कॉल करें, तो वे तुरंत पहुंच जाते हैं और पशु-पक्षी का इलाज शुरू कर देते हैं. इस संस्था में 100 से अधिक लोग जुड़े हुए हैं जो बीमार पशु-पक्षियों की सेवा करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि करुणा फाउंडेशन की शुरुआत कैसे हुई?

करुणा फाउंडेशन की शुरुआत के बारे में बात करते हुए जीवदया प्रेमी मितल खेतानी बताते हैं कि यह बात आज से 21-22 साल पहले की है. “एक बार नंदी महाराज के इलाज के लिए मुझे एक कॉल आया था. उस समय हममें युवा जोश था, इसलिए लगा कि हमसे हो जाएगा. लेकिन 4-5 घंटे की मेहनत के बाद भी हम नंदी महाराज का इलाज ठीक से नहीं कर पाए और फिर हमें पता चला कि पशुओं के इलाज के लिए कोई व्यवस्था ही नहीं है. बस तभी से इस संस्था का जन्म हुआ,” वे कहते हैं. हालांकि उस समय उन्होंने किसी तरह नंदी महाराज को ठीक कर लिया था.

लेकिन फिर उन्हें विचार आया कि ऐसे तो कई पशु-पक्षी रोजाना पीड़ित होते होंगे. तब उन्होंने तय किया कि स्थल पर ही पशु-पक्षियों को ऑपरेशन सहित इलाज मुफ्त में मिल सके, ऐसी व्यवस्था खड़ी करनी चाहिए. इसके लिए उन्होंने विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम तैयार की और पशु-पक्षियों को इलाज के लिए स्थल पर ले जाने की भी व्यवस्था की.

मितल खेतानी ने बताया कि, शुरुआत में तो हम बाइक पर ही पशु-पक्षियों के इलाज के लिए जाते थे. फिर हमने किराए पर वाहन लेकर यह सेवा शुरू की. जैसे-जैसे संस्था आगे बढ़ती गई, वैसे-वैसे हमें दानदाता मिलते गए और हमने पशु-पक्षियों की 24 घंटे सेवा शुरू की.

करुणा फाउंडेशन के पास 11 एम्बुलेंस हैंमितल खेतानी ने आगे बताया कि, वर्तमान में करुणा फाउंडेशन के पास 11 एम्बुलेंस हैं. भारत सरकार द्वारा करुणा फाउंडेशन को श्रेष्ठ कार्य का अवार्ड भी दिया गया है. हमारा लक्ष्य तो बस यही है कि, भारत सहित पूरे विश्व में एक भी पशु या पक्षी की मौत इलाज के अभाव में न हो. अभी भी कई जगहों पर पशु-पक्षी परेशान होते हैं. इसलिए पशु-पक्षियों को उचित इलाज मिल सके, यही हमारा मुख्य उद्देश्य है.

13 लाख पशु-पक्षियों का इलाज किया गयाजैसे इंसानों को तत्काल इलाज की जरूरत होती है, वैसे ही पशु-पक्षियों को भी ऐसी ही सेवा मिलनी चाहिए, इस मान्यता के साथ करुणा फाउंडेशन ने कार्य शुरू किया. संस्था द्वारा एम्बुलेंस में ही पूरी इलाज की व्यवस्था की गई है, ताकि स्थल पर ही पशु-पक्षियों का इलाज हो सके. अगर अधिक इलाज की जरूरत हो तो उन्हें संस्था के शेल्टर पर लाया जाता है और इलाज के बाद फिर उन्हें उनके मूल स्थान पर छोड़ दिया जाता है. मितल खेतानी गर्व से बताते हैं कि अब तक करुणा फाउंडेशन द्वारा 13 लाख पशु-पक्षियों का इलाज किया गया है.

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मितल खेतानी ने बताया कि, भारत में वर्तमान में 6 हजार करुणा एम्बुलेंस कार्यरत हैं, लेकिन हमारे देश में अभी 2 लाख एम्बुलेंस की जरूरत है. “यह कार्य केवल सरकार से नहीं होगा, बल्कि इस कार्य में हमें सभी को जुड़ना होगा. अगर हम सभी में जागरूकता आएगी तो पशु-पक्षियों को समय पर इलाज मिल सकेगा,” वे कहते हैं.

600 एम्बुलेंस सरकारगुजरात की बात करें तो गुजरात में 600 एम्बुलेंस सरकार द्वारा चलाई जा रही हैं और राजकोट में 11 एम्बुलेंस करुणा फाउंडेशन द्वारा चलाई जा रही हैं. आगे चलकर यह संस्था अधिक से अधिक पशु-पक्षियों का इलाज कर सके, इसके लिए सक्षम बनने की दिशा में कार्य कर रही है.


First Published :

March 16, 2025, 13:03 IST

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