सास के करीब आ रहा था बेटा, देखकर मां को हुई जलन, फिर जो किया जानकर जज को भी आ गया गुस्सा

शादी-ब्याह के मामले में कई बार लड़के और लड़की वालों के घरों में खूब कलेश देखने को मिलता है. कई बार यह लड़ाई-झगड़ा इस कदर बढ़ जाता है कि मामला मरने-मारने तक पहुंच जाता है. महाराष्ट्र में मुंबई से सटे ठाणे में एक ऐसा मामला इन दिनों सुर्खियों में बन रहा है. यहां 65 साल की एक बुजुर्ग ने अपनी बहू और उसकी मां (समधन) की हत्या कर दी थी. 2016 में हुई वारदात सुनकर जज को भी गुस्सा आ गया और उन्होंने उसे दो-दो उम्रकैद की सजा सुना दी.
मुंबई से सटे ठाणे के मुंब्रा इलाके में रहने वाली रशीदा अकबरअली वासानी को इस बात की फिक्र थी कि उसका बेटा उससे ज्यादा अपनी पत्नी और सास के करीब जा रहा है. उसको यह भी लगता था कि दोनों बहू और उसकी मां मिलकर उसके बेटे पर जादू-टोना कर रही हैं. इस जलन और शक में रशीदा ने कुछ ऐसा कर दिया, जिस पर यकीन करना मुश्किल है.
खाने में मिला दिया नशीना पदार्थ, फिर…रशीदा ने 6 अगस्त 2016 को अपनी 24 साल की बहू सलमा वासानी और उसकी मां 54 वर्षीय शमीम शेख के खाने में नशीला पदार्थ मिला दिया और बाद में उनकी गला रेतकर और कान काटकर बेरहमी से हत्या कर दी.
अभियोजन पक्ष के अनुसार, रशीदा वासानी दोनों हत्याओं की सूचना देने के लिए बाद में खुद मुंब्रा पुलिस थाने गई थी. इस केस सुनवाई करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ए. एन. सिरसीकर ने रशीदा को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत हत्या और अन्य अपराधों के लिए दोषी ठहराया और उसे ‘दोहरी’ आजीवन कारावास की सजा सुनायी, साथ ही कहा कि सजाएं एकसाथ चलेंगी.
जज बोले- नरमी की हकदार नहींन्यायाधीश ने आदेश में कहा कि जब रशीदा वासानी ने अपनी बहू की हत्या की थी उस वक्त मृतका की बेटी महज 40 दिन की थी, जबकि उसके बेटा दो साल का था. न्यायाधीश ने कहा, ‘उसने (दोषी ने) दो छोटे बच्चों की मां की हत्या कर दी. आरोपी किसी भी तरह की नरमी की हकदार नहीं है.’
अतिरिक्त लोक अभियोजक रश्मि क्षीरसागर ने कहा कि मामले में 14 गवाहों से जिरह की गई. अदालत ने इस केस को सुलझाने में मुंब्रा पुलिस थाने के कोर्ट कांस्टेबल विद्यासागर कोली की कोशिशों की भी तारीफ की है.
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FIRST PUBLISHED : December 23, 2024, 19:41 IST