इस हवेली की दूसरी मंजिल पर पार्क होती थी सेठ की कार…60 कमरों वाली ये हवेली अब बनेगी हैरिटेज होटल-Seth-car-parked-on-the-second-floor-of-this-mansion-This-mansion-with-60-rooms-will-now-become-heritage-hotel

चूरू : राजस्थान की पहचान यहां के धोरे और खानपान ही नहीं बल्कि यहां की गगनचुंबी हवेलियां भी हैं. ऊची, ऊंची इमारतें और उन पर उकेरे चित्र यहां देशी ही नहीं विदेशी लोगों को भी अपना दीवाना बनाते हैं. खासतौर पर शेखावाटी की हवेलियां जिन्हें निहारने लोग सात समंदर पार से भी आते हैं. वर्षों पहले बनी ये हवेलियां आज भी अपनी भव्यता और सुंदरता बिखेर रही हैं. धनाढ्य परिवारों से ताल्लुक रखने वाली ये हवेलियां उस वक्त के सेठ, साहूकारों की रइसी भी बयां करती हैं.
चूरू का दूधवाखारा गांव ना सिर्फ यहां के आंदोलनकारी किसानों और स्वंत्रता सेनानियों के लिए जाना जाता है बल्कि वर्षों पहले बनी ऐतिहासिक हवेलियों के लिए भी ये गांव काफी विख्यात है. गांव में ही 103 बरस पहले बनी सेठ रामेश्वरदास नाथानी की हवेली अपनी विशेषताओं और सेठ की रइसी के लिए काफी विख्यात है. गांव के ही नरेंद्र दाधीच बताते हैं एक बीघा में बनी इस भव्य हवेली के नीचे करीब साढ़े सात बीघा जमीन है.
दूसरी मंजिल पर होती थी सेठ की कार पार्कगांव के ही नरेंद्र दाधीच बताते है तीन मंजिला इस हवेली की दूसरी मंजिल पर सेठ की कार पार्क होती थी. दाधीच बताते हैं सेठ जी जब बाहर से हवेली में आते थे तो कार दूसरी मंजिल तक बने रैम्प की सहायता से सीधे सेठ के कमरे के आगे आकर रुकती थी. वह बताते हैं हवेली की पहली मंजिल पर हवेली में काम, काज करने वाले कर्मचारी रहते थे और दूसरी मंजिल पर सेठ जी और तीसरी मंजिल पर सेठानी जी रहती थी. दाधीच बताते है इस हवेली में 60 कमरे थे और हवेली के अंदर दो चौक जो आज भी इसकी भव्यता बयां करते है. वर्तमान में बिक्री के बाद इस हवेली में पिछले करीब डेढ़ वर्ष से इस हवेली को हैरिटेज होटल के रूप में विकसित करने का कार्य चल रहा है.
FIRST PUBLISHED : August 12, 2024, 18:57 IST