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भारत में इस जगह पर हैं ताजमहल सहित दुनिया के सातों अजूबे, यहां है सेवन वंडर्स पार्क

दुनिया में सात अजूबे हैं और इनको देखा भले ही कम लोगों ने हो लेकिन इनके बारे में जानते काफी लोग हैं. इन अजूबों को जानने वाले लोग अपनी जिंदगी में इन्हें एक बार जरूर देखना चाहते होंगे. हालांकि, इन सातों अजूबों को देख पाना सभी के लिए संभव नहीं है. पहली बात तो ये अलग-अलग देशों में हैं और दूसरा इनको देखने जाने में काफी खर्च भी आएगा. ले​किन, राजस्थान के कोटा में बने सेवन वंडर्स पार्क में इन सातों अजूबों को एक ही जगह पर एक साथ देख सकते हैं. तो चलिए आपको बताते हैं कि इससे जुड़ी आगे की जानकारी.

कोटा में किशोर सागर झील के किनारे सेवन वंडर्स नाम का पार्क बना हुआ है. यहां दुनिया के सातों अजूबों की कॉपी या रेप्लिका बनाई गई है. ये सातों अजूबे आगरा का ताजमहल, चीन की दीवार, ब्राजील का क्राइस्ट द रिडीमर, मिस्र का पिरामिड, रोम का कोलोसियम, पीसा की झुकी हुई मीनार और एफिल टावर हैं.

कोटा आने वाले स्टूडेंट और उनके ​परिजनों के साथ ही यहां विदेशी लोग भी घूमने आते हैं. हालांकि, विदेशी पर्यटक सेवन वंडर्स से ज्यादा किशोर झील घूमने आते हैं. किशोर सागर झील के किनारे बने होने से यह पार्क शाम के समय की लाइटिंग और म्यूजिक से और आकर्षक हो जाता है.

इस पार्क को साल 2013 में शहरी विकास मंत्रालय की देखरेख में बनवाया गया था. इसे बनवाने में लगभग 10 करोड़ रुपये की लागत आई थी. यहां कई फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है, जिनमें बद्रीनाथ की दुल्हनिया प्रमुख फिल्म है. इसके अलावा इस पार्क में प्री-वेडिंग शूट और शार्ट वीडियो बनाने वाले भी खूब आते हैं.

पार्क के पीछे बहती है किशोर सागर झीलसेवन वंडर पार्क के पीछे बहने वाली किशोर सागर झील इसकी खूबसूरती और बढ़ा देती है. इस झील की बात करें तो यह सिर्फ एक झील या तालाब नहीं है बल्कि इसके बीच में एक बेहतरीन मंदिर भी बना है जिसे जगमंदिर कहते हैं. झील में लोग नाव की सवारी का भी आनंद लेते हैं. यह झील कई प्रजाति की मछलियों, जलीय पक्षियों का बसेरा है. इस तालाब के पास ही सालिम सिंह की हवेली की भी रेप्लिका हवेली बनवाई गई.

कैसे पहुंचेंकोटा के सबसे करीब जयपुर में सांगानेर हवाई अड्डा है. कोटा से यह 244 किलोमीटर दूर है. इसके अलावा राजस्थान में सभी शहरों और कस्बा से कोटा के लिए बसें मिल जाती हैं. रेल से यात्रा करने के लिए कोटा एक प्रमुख जंक्शन है. अधिकतर ट्रेनें कोटा से गुजरती हैं.

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FIRST PUBLISHED : August 10, 2024, 20:00 IST

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