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Sexual harassment of girl -शिक्षक को किया सरकारी सेवा से बाहर | Education department#sexual harassment of girl child#

11 साल की बालिका के साथ sexual harassment में दोषी पाए जाने के बाद शिक्षा विभाग ने शिक्षक को सरकारी सेवा से पदच्युत कर दिया, मामला राजधानी जयपुर के कोटपूतली तहसील के एक सरकारी स्कूल का है।

जयपुर

Published: December 26, 2021 09:37:26 pm

11 साल की बालिका के साथ यौन उत्पीडऩ का मामला
दोषी शिक्षक शिक्षक को शिक्षा विभाग ने किया सरकारी सेवा से बाहर
जयपुर।
जयपुर जिले के कोटपूतली क्षेत्र में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय रानीवाला सरूंड 11वीं कक्षा में पढऩे वाली राधा (बदला हुआ नाम) पिछले कई दिनों से स्कूल नहीं जा रही थी। परेशान अभिभावकों ने कई बार उसे स्कूल नहीं जाने के पर डांटा लेकिन वह टस से मस नहीं हुई। कई दिनों तक जब यह सिलसिला चलता रहा और फिर अंतत: उस बालिका ने अपने माता पिता को जो कुछ बताया वह उनके लिए किसी यातना से कम नहीं था। अभिभावक सोच भी नहीं सकते थे कि शिक्षा के मंदिर में उनकी बेटी के साथ क्या कुछ नहीं हो रहा था। उन्हें पता चला कि स्कूल का एक शिक्षक उनकी बेटी के साथ आए दिन अश्लील हरकत कर रहा है और उसे किसी को कुछ नहीं बताने के लिए धमकी भी दी जा रही है। परेशान पिता ने तुरंत इसकी शिकायत शिक्षा विभाग और स्थानीय थाना पुलिस में की। तीन साल के लंबे इंतजार के बाद अंतत: उस बालिका को न्याय मिल पाया।
मामला दरअसल सितंबर 2018 का है जबकि जयपुर जिले के कोटपूतली क्षेत्र में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय रानीवाला सरुंड में कार्यरत अध्यापक प्रेमचंद गुर्जर के खिलाफ स्कूल में अध्ययनरत 11 साल की एक बालिका के पिता ने थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। जिसमें बताया गया था कि स्कूल में कार्यरत शिक्षक उसकी बेटी के साथ अश्लील हरकत कर रहा है जिसके चलते बेटी स्कूल जाने के लिए तैयार नहीं है। पूरा मामला जब शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के पास पंहुचा तो उन्होंने भी पूरे प्रकरण की जांच के लिए कमेटी गठित की थी और इस कमेटी ने शिक्षक को बालिका के साथ यौन उत्पीडऩ करने के मामले में दोषी पाया। जिसके बाद शिक्षा विभाग ने शिक्षक को निलम्बित कर दिया। वहीं दूसरी ओर पुलिस की ओर से की गई तफ्सील में भी शिक्षक को दोषी पाया गया और पुलिस ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया। कोर्ट ने एफएसएल रिपोर्ट के आधार पर अभियुक्त को सजा भी दी जिसमें उसके अपराध को क्रूर माना गया।
कोर्ट ने इस प्रकरण में दोषी पाए जाने के बाद अभियुक्त शिक्षक को सात साल के कठोर कारावास के साथ ही डेढ़ लाख रुपए के अर्थ दंड से दंडित किया।
इनका कहना है,
बालिकाओं के साथ यौन उत्पीडऩ के मामले में दोष सिद्ध होने पर किसी को भी बक्शा नहीं जाएगा। शिक्षा विभाग ऐसे मामलों में कठोर कार्यवाही करेगा। हमने शिक्षक को राजकीय सेवा से बाहर कर दिया है जिससे दूसरों को इससे सबक मिले और वह किसी भी बालिका के साथ ऐसी हरकत करने का दुस्साहस नहीं कर सकें।
जेएन मीणा, डीईओ एलीमेंट्री

बालिका के साथ यौन उत्पीडऩ-शिक्षक को किया सरकारी सेवा से बाहर

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