Rajasthan

इस पौधे पर होता है शनिदेव का वास, इन दिनों भूलकर भी न तोड़े, शिव जी को चढ़ाने से जीवन में रहेगी सुख, शांति

जालोर. भगवान शिव को जैसे बेल पत्र प्रिय हैं, वैसे ही शमी का पौधा भी अत्यंत प्रिय माना जाता है. शिव जी को यह पौधा चढ़ाने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और शिव जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शमी का पौधा शक्ति, साहस, और विजय का प्रतीक है, जिसे शिव जी को अर्पित करना जीवन की बाधाओं से मुक्ति और सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त करने के समान है.

जब भगवान शिव ने राक्षसों का संहार करने का संकल्प लिया था, तब उन्होंने शमी के वृक्ष का आश्रय लिया था. इस घटना से यह वृक्ष शिव जी से जुड़ गया और तब से भक्तों ने इसे पूजा में अर्पित करना शुभ मानना शुरू कर दिया. शमी का पौधा चढ़ाने से शिव जी प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है. एक दूसरी कथा महाभारत से जुड़ी है, जहां पांडवों ने अपने अस्त्र-शस्त्र शमी के वृक्ष के नीचे छुपाए थे और विजय प्राप्त कर इसकी पूजा की. इस घटना से शमी विजय और सफलता का प्रतीक बन गया. इसलिए इसे शिव जी को चढ़ाने से भक्तों को हर बाधा पर विजय प्राप्त करने की शक्ति मिलती है.

इसे तोड़ने से होगा अशुभशिव भक्त गोपाल कृष्ण ने लोकल 18 को बताया कि धार्मिक परंपरा के अनुसार शमी के पौधे को सोम, शनि, रवि और अमावस्या के दिन तोड़ना वर्जित है. ऐसा माना जाता है कि इस पौधे में शनिदेव का वास होता है, और इन विशेष दिनों पर इसे तोड़ने से अशुभ फल प्राप्त हो सकता है. सोमवार को भी इसे नहीं तोड़ा जाता, क्योंकि यह भगवान शिव का प्रिय दिन होता है और इस दिन शिव जी के सम्मान में वृक्ष को अर्पण के लिए तोड़ने से बचा जाता है. इस प्रकार, विशेष नियमों का पालन करते हुए ही भक्त इसे शिव जी को अर्पित करते हैं.

Tags: Local18, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED : November 10, 2024, 15:42 IST

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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