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ऑपरेशन सिंदूर: संसदीय स्थायी समिति में पहली बार हुआ ऐसा, शशि थरूर ने बताया, क्यों देर तक चली मीटिंग?

Last Updated:May 19, 2025, 20:14 IST

Shashi Tharoor News: शशि थरूर ने विदेश मामलों पर संसदीय स्थायी समिति की बैठक को असरदार बताया. बैठक में 24 सदस्य शामिल हुए, जो रिकॉर्ड है. समिति ने विदेश सचिव विक्रम मिसरी के समर्थन में राय जाहिर की.संसदीय समिति में पहली बार हुआ ऐसा, थरूर ने बताया, क्यों देर तक चली मीटिंग

शशि थरूर केंद्र सरकार के एंटी-टेरर डेलिगेशन में शामिल हैं. (फाइल फोटो)

हाइलाइट्स

शशि थरूर ने कहा कि बैठक में बहुत ही गहन चर्चा की गई.कांग्रेस नेता ने बताया कि कई सांसदों के पास पूछने के लिए गंभीर प्रश्न थे.थरूर ने कहा कि समिति ने कई मायनों में बहुत सारे रचनात्मक मुद्दों को कवर किया.

नई दिल्ली. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सोमवार को हुई विदेश मामलों पर संसदीय स्थायी समिति की बैठक को असरदार बताया. उन्होंने कहा, “हमारे बीच बहुत व्यापक और अच्छी चर्चा हुई. जैसा कि आप देख सकते हैं, एक बैठक जो सामान्यतः 6 बजे तक समाप्त हो जाती थी, वह 7 बजे तक चली. यह बहुत ही गहन, व्यापक चर्चा थी. हमारे 24 सदस्य इसमें शामिल हुए, जो मुझे लगता है कि इस समिति के लिए एक रिकॉर्ड है. सच तो यह है कि यह बहुत ही गहन चर्चा थी. कई सांसदों के पास पूछने के लिए विचारशील प्रश्न थे.”

उन्होंने आगे कहा, “यहां तक ​​कि विदेश सचिव के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए एक प्रस्ताव पारित करने की भी इच्छा थी, उन्होंने स्वयं अनुरोध किया था कि कोई प्रस्ताव पारित न हो, लेकिन समिति की यह सर्वसम्मत भावना थी कि उन्होंने राष्ट्र के लिए अच्छी सेवा की है, हम सभी उनके साथ खड़े हैं. यह कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं था, लेकिन यह निश्चित रूप से सभी की इच्छा थी. मैं यह भी जोड़ना चाहता हूं कि समिति ने कई मायनों में बहुत सारे रचनात्मक मुद्दों को कवर किया है और विभिन्न प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर दिए हैं…हमारे बीच अच्छी चर्चा हुई है और हम बहुत ही उत्साह के साथ विदा ले रहे हैं.”

कांग्रेस सांसद शशि थरूर विदेश मामलों पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं. समिति की बैठक में तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी, कांग्रेस के राजीव शुक्ला और दीपेंद्र हुड्डा, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और भाजपा के अरुण गोविल और अपराजिता सारंगी सहित कई सदस्यों ने भाग लिया. यह बैठक पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और उसके बाद दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष की पृष्ठभूमि में हुई.

सूत्रों ने यह भी बताया कि विदेश मामलों पर संसद की स्थायी समिति ने विदेश सचिव विक्रम मिसरी को सोशल मीडिया पर ‘ट्रोल’ किए जाने की एक सुर में निंदा की तथा उनके पेशेवर आचरण की प्रशंसा की.   मिसरी ने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के बारे में संसदीय समिति को हर जानकारी दी.

authorimgRakesh Ranjan Kumar

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h…और पढ़ें

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h… और पढ़ें

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