देवर भाभी की दुश्मनी से कांप उठी शेखावाटी, आमने सामने हुई 2 गैंग, हो गई महाभारत, हिल गई राजस्थान पुलिस

Last Updated:December 16, 2025, 13:58 IST
Jhunjhunu News: झुंझुनूं में हुई गैंगवार के तार अब धीरे-धीरे सुलझ रहे हैं. गैंगस्टर श्रवण भादवासी और उसकी भाभी शारदा के बीच सीकर के भदवासी गांव में 24 बीघा जमीन को लेकर विवाद चल रहा था. झुंझुनूं के गैंगस्टर रविन्द्र कटेवा की भी नजर उस जमीन पर थी. लिहाजा उसने शारदा के प्रोटेक्शन की गांरटी ले ली. उसके बाद उसने श्रवण पर हमला किया गया. फिर यह यह मामला बढ़ गया और गैंगवार में बदल गया. इसका नतीजा यह हुआ कि दोनों लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया.
रविन्द्र कटेवा (नीली टीशर्ट) आरके ग्रुप 0056 और श्रवण 1657 के नाम से अननी गैंग चलाता है.
झुंझुनूं. आपने देवर भाभी के प्यार की कई कहानियां सुनी होगी. लेकिन आज हम आपको देवर भाभी की दुश्मनी की ऐसी कहानी बताने जा रहे हैं जिससे पूरे राजस्थान को हिलाकर रख दिया. देवर भाभी में यह विवाद 24 बीघा जमीन को लेकर शुरू हुआ था. इस भाभी का यह देवर गैंगस्टर शेखावाटी इलाके का कुख्यात गैंगस्टर है. देवर भाभी के बीच चल रहे इस विवाद में दूसरे गैंगस्टर की एंट्री हुई तो महाभारत हो गई. गैंगस्टर देवर के जानी दुश्मन गैंगस्टर ने उसकी भाभी को प्रोटक्शन का वादा कर उसे विश्वास में ले लिया. इसके पीछे बड़ी वजह यह थी कि उस गैंगस्टर की भी नजर उस विवादास्पद जमीन पर थी. लिहाजा दोनों गैंगस्टर आमने सामने हो गए.
उसका परिणाम बड़ी गैंगवार के रूप में सामने आया. इस गैंगवार में दोनों गैंग के एक-एक बंदे का मर्डर हो गया है. दिनदहाड़े चली गोलियों से ना केवल शेखावाटी बल्कि पूरा राजस्थान कांप गया और पुलिस के होश उड़ गए. यह विवाद शेखावाटी के दो अहम और बड़े जिलों सीकर तथा झुंझुनूं से जुड़ा हुआ है. जमीन की इस जंग में जो दो गैंगस्टर भिड़े हैं उनमें श्रवण फगेड़िया उर्फ श्रवण भादवासी और रविन्द्र कटेवा है. रविन्द्र झुंझुनूं के खिरोड़ और श्रवण सीकर जिले के भादवासी गांव का रहने वाला है.
भादवासी गांव में चल रहा है जमीन का विवादरविन्द्र झुंझुनूं के गोठड़ा थाने का हिस्ट्रीशीटर है. दोनों शेखावाटी में अपनी-अपनी गैंग चलाते हैं. इनमें रविन्द्र कटेवा अपनी गैंग आरके ग्रुप 0056 और श्रवण 1657 के नाम से चलाता है. इन दोनों गैंग्स में हाल ही में झुंझुनूं जिले के खिरोड़ गांव कैमरी की ढाणी और तुर्काणी जोहड़ी में गैंगवार हुई. इसमें रविन्द्र गैंग का सुनील सुंडा और श्रवण गैंग का कृष्णकांत मारे गए. पुलिस ने इस मामले में रविन्द्र कटेवा समेत करीब चार बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस की जांच में सामने आया कि इस गैंगवार के पीछे सीकर जिले के भादवासी गांव में स्थित 24 बीघा जमीन का विवाद है.
देवर भाभी में पहले से चल रहा था जमीन को लेकर विवादभादवासी गैंगस्टर श्रवण का गांव है. वहां श्रवण और उसकी भाभी शारदा के बीच इस 24 बीघा जमीन को लेकर विवाद चल रहा है. रविंद्र कटेवा भी भादवासी गांव की इस विवादास्पद 24 बीघा जमीन पर कब्जे की फिराक में था. चूंकि इस जमीन को लेकर गैंगस्टर श्रवण फगेड़िया और उसकी भाभी शारदा के बीच पहले से विवाद चल रहा था. लिहाजा रविंद्र कटेवा ने बड़ा गेम खेलते हुए शारदा को प्रोटेक्शन का भरोसा देकर उसे अपने विश्वास में ले लिया. उसके बाद रविन्द्र ने शारदा के देवर गैंगस्टर श्रवण के साथी सुरेश पर जानलेवा हमला कर दिया. हालांकि बाद में दोनों पक्षों में राजीनामा हो गया, लेकिन जमीन श्रवण के नाम नहीं हुई. यही बात श्रवण के लिए बदले की वजह बन गई. उसके बाद श्रवण ने चार बदमाशों को 15 लाख रुपये की सुपारी देकर रविंद्र कटेवा की हत्या की साजिश रची.
रविंद्र कटेवा ने जमीन की नोटेरी करवा रखी थीझुंझुनूं एसपी बृजेश ज्योति उपाध्याय ने बताया कि भादवासी गांव स्थित 24 बीघा जमीन को लेकर रविंद्र कटेवा और श्रवण भादवासी के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था. रविंद्र कटेवा ने जमीन की नोटेरी करवा रखी थी. इसी विवाद के चलते दोनों पक्षों में पूर्व में मारपीट हुई थी. उसका केस सीकर जिले के दादिया थाने में दर्ज है. विवाद की आग तब और भड़की जब रविंद्र कटेवा ने श्रवण के साथी सुरेश पर जानलेवा हमला किया.
कटेवा की हत्या के लिए आए थे बदमाशश्रवण ने चार बदमाशों को सुपारी देकर रविंद्र कटेवा की हत्या के लिए भेज दिया. उसके बाद झुंझुनूं के नवलगढ़ थाना इलाके के खिरोड़ गांव में हुई गैंगवार में दोनों पक्षों से एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई. इनमें एक श्रवण भदवासी से रविन्द्र कटेवा की मारने की सुपारी लेकर आया रानोली थाने का हिस्ट्रीशीटर पलसाना निवासी कृष्णकांत उर्फ रविकांत उर्फ गोलू स्वामी था. जबकि दूसरा रविंद्र कटेवा का साथी बदमाश ढाका की ढाणी निवासी सुनील सुंडा था. इस दोहरे हत्याकांड में हिस्ट्रीशीटर गोलू स्वामी के पिता प्रहलाद स्वामी ने रविंद्र कटेवा के खिलाफ और सुनील सुंडा के परिजनों ने श्रवण भादवासी सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ हत्या के मुकदमे दर्ज कराया है.
कटेवा के आपराधिक साम्राज्य की परतें खुलीगैंगवार के बाद जब इसकी जांच हुई तो रविंद्र कटेवा के आपराधिक साम्राज्य की परतें खुलती चली गईं. पुलिस जांच में सामने आया कि यहां पहले फायरिंग गैंगस्टर रविंद्र कटेवा की हत्या के इरादे से की गई थी. झुंझुनूं पुलिस ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए दोनों गैंग के कुल 10 बदमाशों को राउंडअप किया और पूछताछ की. इसके साथ ही रविन्द्र भी पकड़ा गया. रविंद्र कटेवा शेखावाटी क्षेत्र में जमीनों पर जबरन कब्जा, जमीन विवादों में मारपीट और जानलेवा हमलों के लिए कुख्यात है.
कटेवा एक समय ऑनलाइन ठगी के नेटवर्क से भी जुड़ा रहा हैसूत्रों के मुताबिक कथित राजनीतिक संरक्षण के चलते उसका प्रभाव लगातार बढ़ता गया. उसने सीकर और झुंझुनूं में कई आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया. पुलिस रिकॉर्ड यह भी बताते हैं कि कटेवा एक समय ऑनलाइन ठगी के नेटवर्क से भी जुड़ा रहा है. खिरोड़ निवासी कटेवा ने वर्ष 2023 में अपनी गैंग आरके ग्रुप 0056 की नींव रखी. लालच देकर युवाओं को जोड़ा गया और धीरे-धीरे गैंग की ताकत 100 से 150 सदस्यों तक पहुंच गई. यह गैंग मुख्य रूप से जमीन कब्जा, विवादों में हिंसा और हत्या के प्रयास जैसी संगीन वारदातों में शामिल रही है. पुलिस अब कटेवा और उसके साथियों से पूछताछ कर पूरे आपराधिक नेटवर्क और फंडिंग चैनल को खंगालने में जुटी हुई है.
About the AuthorSandeep Rathore
संदीप राठौड़ ने वर्ष 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की जयपुर से शुरुआत की. बाद में कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर की जिम्मेदारी निभाई. 2017 से के साथ नए सफर की शुरुआत की. वर…और पढ़ें
Location :
Jhunjhunu,Jhunjhunu,Rajasthan
First Published :
December 16, 2025, 13:58 IST
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देवर भाभी की दुश्मनी से हिल उठी शेखावाटी, आमने सामने हुई 2 गैंग, हो गई महाभारत



