Politics

कर्नाटक में अलग लिंगायत धर्म पर फिर से बहस शुरू 

डिजिटल डेस्क, गडग। कर्नाटक में लिंगायत को एक अलग धर्म के रूप में पहचानने पर बहस फिर से शुरू हो गई है और प्रमुख लिंगायत धर्मगुरुओं में से एक ने कहा है कि इस संबंध में एक ज्ञापन केंद्र सरकार को पुनर्विचार के लिए भेजा जाएगा।

टोंटाडा सिद्धारमारा स्वामीजी ने सोमवार को गडग में पत्रकारों से बात करते हुए यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि लिंगायतों को अलग धर्म का दर्जा देने की मांग वाली रिपोर्ट को केंद्र ने जिस कारण से खारिज किया, उसका अध्ययन कर आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराए जाएंगे।

सिद्धारमारा ने कहा, “हमने तत्कालीन सरकार को लिंगायत धर्म के लिए अलग धार्मिक दर्जा देने की मांग करते हुए लिखा था। तत्कालीन मुख्यमंत्री सिद्दामैया ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश एचएन नागमोहन दास की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी। रिपोर्ट प्रस्तुत होने के बाद केंद्र सरकार को यह सिफारिश की गई थी कि लिंगायत धर्म 12वीं सदी के समाज सुधारक बसवेश्‍वर द्वारा स्थापित धर्म है।“

उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार ने रिपोर्ट का व्यापक अध्ययन नहीं किया, पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर उन्होंने रिपोर्ट यह कहकर लौटा दी है कि वर्तमान परिस्थितियों में इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। सिद्धारमारा ने कहा, “हम विशिष्ट बिंदु प्राप्त करेंगे कि किस आधार पर इस संबंध में रिपोर्ट को खारिज कर दिया गया और दावे को साबित करने के लिए आवश्यक दस्तावेज पेश किए जाएंगे।”

उन्होंने जोर देकर कहा, “हम लिंगायत धर्म को स्वतंत्र दर्जा देने के लिए केंद्र सरकार से एक बार फिर आग्रह करेंगे। मुख्यमंत्री सिद्दारमैया अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने स्वतंत्र धर्म का दर्जा देने की सिफारिश की थी। लेकिन, कुछ नेताओं ने दावा किया कि इससे चुनावों में झटका लगा है। कांग्रेस पार्टी के लिए। वास्तव में, इस मुद्दे ने पार्टी के चुनावी परिदृश्य को प्रभावित नहीं किया। इसमें सत्ता-विरोधी कारक ने एक प्रमुख भूमिका निभाई।”

राज्य में लिंगायतों की आबादी 17 प्रतिशत है और उन्हें राज्य और संसदीय चुनावों में प्रभावशाली माना जाता है। पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा लिंगायत समुदाय से आते हैं। लिंगायत आबादी बड़े पैमाने पर उत्तरी कर्नाटक क्षेत्र में स्थित है और पूरे राज्य में फैली हुई है। 224 विधानसभा सीटों में से 90 पर उनका खासा प्रभाव है। वे एमपी की 10 से 15 सीटों पर भी असर डाल सकते हैं।

आईएएनएस

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On : &nbsp 15 Aug 2023 2:53 AM GMT

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj