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shivani sibal books siyaasat | किस्सा किताब का: रिश्तों की बिसात पर ‘सियासत’

लेखन को लेकर एक ग्लैमर भले ही दिखाई देता हो, लेकिन यहां के स्ट्रगल बड़े हैं, जो दिखाई नहीं देते। लेखक होने की पहले शर्त है, खुद को अकेला कर देना। एकांत के बिना कोई किरदार आपके पास नहीं आएगा।

लेखन को लेकर एक ग्लैमर भले ही दिखाई देता हो, लेकिन यहां के स्ट्रगल बड़े हैं, जो दिखाई नहीं देते। लेखक होने की पहले शर्त है, खुद को अकेला कर देना। एकांत के बिना कोई किरदार आपके पास नहीं आएगा। यह कहना है लेखक शिवानी सिब्बल का। शिवानी का पहला अंग्रेजी उपन्यास ‘इक्वेशंस’ हार्पर कॉलिंस से आया है और इसका हिंदी अनुवाद ‘सियासत’ राजकमल प्रकाशन से हाल ही प्रकाशित हुआ है। इसका हिंदी अनुवाद किया है, जाने माने अनुवादक प्रभात रंजन ने। इस किताब में दिल्ली की भरी—पूरी जिंदगी है, उच्च वर्ग और निम्न वर्ग के अपने-अपने संघर्ष हैं।

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