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‘ईमानदारी की दुकान’… यहां जरूरतमंदों को Free में मिलते हैं कपड़े और जूते

जामनगर, जिसे छोटी काशी के नाम से भी जाना जाता है, यहाँ के लोग हमेशा दूसरों की मदद करने की कोशिश करते हैं. इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए, जामनगर नगर निगम ने एक अनोखी पहल की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य जरूरतमंदों की मदद करना है. इस पहल के तहत एक “ईमानदारी की दुकान” स्थापित की गई है, जो लोगों को अपनी अतिरिक्त और अन्य उपयोगी वस्तुएं दान करने का अवसर प्रदान करती है.

ईमानदारी की दुकान की शुरुआतजामनगर के महल रोड से लेकर कलेक्टर ऑफिस रोड तक, जोगर्स पार्क के पास एक कंटेनर रखा गया है, जिसे ईमानदारी की दुकान के नाम से जाना जाता है. यहाँ लोग अपनी फालतू और उपयोगी वस्तुएं जैसे कपड़े, जूते, बूट्स आदि रख सकते हैं. जिनकी जरूरत होती है, वे बिना किसी रोक-टोक के इन वस्तुओं को ले सकते हैं.

घरेलू सामान का उपयोगजामनगर नगर निगम के अधिकारी केतन कटेसिया ने बताया कि यह पहल “Reduce, Re-use, Recycle” के सिद्धांत पर आधारित है, जिसे स्थानीय लोग भी काफी सराह रहे हैं. यह दुकान सुबह 7 से 11 बजे और फिर दोपहर 3 से 6 बजे तक खुली रहती है, और लोग स्वेच्छा से अपनी चीजें छोड़कर जरूरतमंदों की मदद करते हैं. पुराने सामान, जो किसी के लिए बेकार होते हैं, अब दूसरों के लिए बेहद उपयोगी बन जाते हैं.

जरूरतमंदों के लिए मुफ्त सामानइस दुकान में न केवल पुराने कपड़े, बल्कि सर्दियों में पहने जाने वाले गर्म कपड़े, जूते और बूट्स भी रखे जाते हैं. जो लोग इन चीजों की जरूरत महसूस करते हैं, वे बिना किसी से पूछे इन्हें मुफ्त में ले सकते हैं. यह नि:शुल्क प्रणाली नागरिकों द्वारा अत्यधिक सराही जा रही है और इसके अच्छे परिणाम भी सामने आ रहे हैं.

गोपनीय दान की प्रवृत्तिइसके अलावा, ऐसे लोग जो गुप्त रूप से दान करने में विश्वास रखते हैं, वे भी इस व्यवस्था को अपनाकर इसमें हिस्सा ले रहे हैं. यहां कई लोग नए कपड़े, महिलाओं के पर्स, बटुए जैसी चीजें छोड़ जाते हैं, ताकि किसी अजनबी की मदद हो सके. यदि यह प्रणाली आने वाले दिनों में इसी तरह ईमानदारी से चलती रही, तो जरूरतमंदों को इसका बड़ा लाभ मिलेगा.

पिछली पहल का अनुभवइससे पहले, एक संस्था ने रणमल लेक परिसर में भी ऐसी ही एक व्यवस्था शुरू की थी, लेकिन उसे अपेक्षित परिणाम नहीं मिले थे. इसके बावजूद, जामनगर में यह पहल लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है और इसके अच्छे परिणाम दिखाई दे रहे हैं.

Tags: Gujarat, Local18, Special Project

FIRST PUBLISHED : November 20, 2024, 15:33 IST

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