बंद हो गई बोटिंग, हट गई दुकानें, और रुक गया पर्यटन! आखिर किसने छीन ली जलमहल की रौनक?

Last Updated:May 21, 2025, 23:26 IST
Jaipur Jal Mahal: जयपुर का जलमहल कभी पर्यटकों की पसंदीदा जगह हुआ करता था, लेकिन अब यह बदहाली और गंदगी का प्रतीक बन गया है. सुविधाओं की कमी, सफाई व्यवस्था की बिगड़ी हालत और पर्यटन गतिविधियों के बंद होने से यहां …और पढ़ेंX
जलमहल झील के किनारे जमे कचरे के ठेर।
हाइलाइट्स
जलमहल की सुंदरता अव्यवस्थाओं से खत्म हो गई है.पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई है.सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी की फटकार भी बेअसर रही.
जयपुर. जयपुर अपनी ऐतिहासिक इमारतों और किलों महलों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है. यहां सालभर पर्यटक दुनियाभर से किले महलों का दीदार करने आते हैं. खासतौर पर गर्मियों के सीजन में जयपुर में सबसे ज्यादा पर्यटक पहुंचते हैं. हवामहल और जलमहल को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है. लेकिन जलमहल धीरे-धीरे अपनी सुंदरता खो चुका है. यहां की हालत बदहाली में बदल गई है. लोकल-18 ने जलमहल पहुंचकर वहां के हालात देखे और स्थानीय लोगों तथा पर्यटकों से बातचीत की.
पर्यटकों का कहना है कि उन्होंने जलमहल की सुंदरता और यहां की पाल के बारे में जो सुना था, वैसा कुछ भी देखने को नहीं मिला. जलमहल पर ऐसा महसूस होता है जैसे हम किसी ऐतिहासिक धरोहर को देखने नहीं, बल्कि कचरे के ढेर के पास आ गए हैं. भीषण गर्मी में पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. हर जगह गंदगी फैली हुई है. कुत्ते इधर-उधर घूमते नजर आते हैं. न तो कोई मार्केट है और न ही अन्य सुविधाएं.
सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी की फटकार भी बेअसरहाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने जलमहल झील में गंदगी और झील को नुकसान पहुंचाने को लेकर नगर निगम को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने सवाल किया था कि जब जलमहल झील को ही संरक्षित नहीं किया जा सकता तो जयपुर स्मार्ट सिटी कैसे बनेगा. इसके बावजूद स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है. झील के किनारे अब भी कचरे के ढेर लगे हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट के अलावा एनजीटी ने भी नगर निगम पर 26.6 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था.
जलमहल से पर्यटक गायब, स्थानीय रोजगार चौपटजलमहल की लगातार बिगड़ती स्थिति के चलते पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई है. लोकल-18 ने यहां के टूरिस्ट गाइड, फोटोग्राफरों और दुकानदारों से बात की. उनका कहना है कि जलमहल पर पर्यटन पूरी तरह चौपट हो गया है. सफाई, सुविधाएं और मार्केट के अभाव में पर्यटक यहां आना छोड़ चुके हैं. नाइट मार्केट के बंद होने और दुकानदारों के झगड़ों के बाद स्थानीय लोगों का रोजगार खत्म हो गया है. टूरिस्ट गाइड और फोटोग्राफर दिनभर पर्यटकों का इंतजार करते रह जाते हैं.
अव्यवस्थाओं ने खत्म कर दी जलमहल की रौनकगर्मियों के इस सीजन में जहां जयपुर के अन्य पर्यटक स्थल पर्यटकों से भरे हैं, वहीं जलमहल पूरी तरह सुनसान है. एक समय था जब यहां मार्केट की वजह से दिनभर चहल-पहल रहती थी. अब गिने-चुने पर्यटक ही यहां पहुंचते हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह है यहां की अव्यवस्थाएं और बदहाली. एक बार जलमहल देखने आने वाला पर्यटक दोबारा नहीं लौटता.
बोटिंग बंद, फाउंटेन बंद, दुकानें हटींस्थानीय लोगों का कहना है कि अब सिर्फ सुबह-शाम आसपास के लोग यहां टहलने आते हैं. बाहर से आने वाले पर्यटकों की संख्या में लगातार गिरावट आई है. यहां ना तो कोई खास व्यवस्था है, ना ही जलमहल के अंदर जाने की अनुमति है. झील में बोटिंग भी लंबे समय से बंद है. गर्मियों के लिए लगाए गए फाउंटेन भी महीनों से बंद पड़े हैं. सभी हैंडिक्राफ्ट और खाने-पीने की दुकानें भी हटा दी गई हैं. ऐसे में पर्यटक यहां क्यों आएंगे, यह सवाल अब लोगों की जुबान पर है.
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