Short-sighted decisions due to short-sightedness in power supply | power supply: विद्युत की आपूर्ति में कमी, अदूरदर्शी फैसलों की वजह
वर्तमान में देश की राजधानी को विद्युत की आपूर्ति ( power supply ) उचित है और मांग में बढ़ोतरी के कारण कोई भी कमी सरकार की खामियों और अदूरदर्शी फैसलों की वजह से होगी। गर्मियों की जल्दी शुरूआत और आर्थिक स्थिति में तेजी से सुधार के चलते विद्युत की मांग बढ़ गई है।
जयपुर
Published: May 01, 2022 12:04:15 pm
वर्तमान में देश की राजधानी को विद्युत की आपूर्ति उचित है और मांग में बढ़ोतरी के कारण कोई भी कमी सरकार की खामियों और अदूरदर्शी फैसलों की वजह से होगी। गर्मियों की जल्दी शुरूआत और आर्थिक स्थिति में तेजी से सुधार के चलते विद्युत की मांग बढ़ गई है। इस साल पहली बार 28 अप्रेल को विद्युत की रोजमर्रा की खपत 6000 मेगावॉट के चरम आंकड़े पर पहुंच गई। राज्य सरकार कोयले की आपूर्ति में कमी के लिए केन्द्र सरकार पर आरोप लगा रही है, किंतु राजधानी में आपूर्ति की कमी का एकमात्र कारण दिल्ली डिस्कॉम और दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग का गलत फैसला है, जिसके तहत शहर की बिजली का बड़ा हिस्सा नेशनल पूल से देने का फैसला लिया गया है।
‘दिल्ली में आपूर्ति की कमी का सबसे संभावी कारण यह हो सकता है कि दिल्ली सरकार ने 2015 में एनटीपीसी दादरी स्टेज-2 थर्मल पावर प्लांट सहित 11 केन्द्रीय स्टेशनों से उत्पन्न होने वाली कुल विद्युत का 2675 मेगावॉट हिस्सा त्याग करने का फैसला लिया। विद्युत सरकार ने कोयले की ‘ज़बरदस्त कमी’ की बात करते हुए दावा किया कि कई पावर प्लांट्स में सिर्फ एक दिन का स्टॉक रह गया है कि और शहर में आपूर्ति बाधित होने की चेतावनी दी। दिल्ली सरकार के कोयले की कमी के दावे के जवाब में, भारत की सबसे बड़ी एकीकृत विद्युत उत्पादक एनटीपीसी ने एक ट्वीट में कहा कि उनचाहर और दादरी पावर स्टेशन जो देश की राजधानी को विद्युत की आपूर्ति करते हैं, वे अपनी पूर्ण क्षमता से चल रहे हैं और उन्हें ‘‘नियमित’ रूप से कोयले की आपूर्ति मिल रही है।
विद्युत मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक एनटीपीसी दादरी स्टेज-1 (840 मेगावॉट) राष्ट्रीय राजधानी की आईलैंण्डिंग योजना का हिस्सा था और इसका गठन दिल्ली को विद्युत की भरोसेमंद एवं उपयुक्त विद्युत आपूर्ति के लिए किया गया। पावर प्लांट परियोजना सामरिक रूप से उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में स्थित है और दिल्ली की बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करती है तथा सुनिश्चित करती है कि राजधानी को विद्युत की स्थायी एवं भरोसमंद आपूर्ति मिले। ‘विद्युत मंत्रालय ने दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग को पत्र लिखकर विद्युत त्याग के फैसले पर पुनः विचार के लिए कहा और इस बात पर रोशनी डाली कि आखिरकार इसका खामियाज़ा दिल्ली के नागरिकों को भुगतना पड़ेगा। हालांकि दिल्ली डिस्कॉम्स ने इसे अदालत में चुनौती दी और अपने हिस्से के त्याग में सफल रहे। अगर इस विद्युत का दिल्ली डिस्कॉम्स द्वारा त्यागा नहीं जाता तो दिल्ली आज बेहतर स्थिति में होती।’ एनटीपीसी दादरी प्लांट द्वारा उत्पन्न त्यागी गई विद्युत अब अन्य राज्यों को आवंटित की जा रही है।
power supply: विद्युत की आपूर्ति में कमी, अदूरदर्शी फैसलों की वजह
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