Tech

ड्रोन अटैक के डर से क्‍या बंद कर देना चाह‍िए फोन Location? PIB ने क‍िया Viral मैसेज का भंडाफोड़

नई द‍िल्‍ली. भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव बढ़ने के साथ ही सोशल मीडिया पर गलत जानकारी तेजी से फैल रही है. एक वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि फोन की लोकेशन बंद करने से ड्रोन हमलों से बचा जा सकता है. और ये भी दावा क‍िया जा रहा है क‍ि ये संदेश भारत सरकार की तरफ से कथ‍ित तौर पर जारी क‍िया गया है.

भारत-पाकिस्तान सीमा के पास बढ़ते ड्रोन खतरों के बीच, कई सोर्स से कई भ्रामक संदेश सामने आ रहे हैं. हाल ही में एक और भ्रामक संदेश वॉट्सऐप, फेसबुक और X (पहले ट्विटर) जैसे प्लेटफार्मों पर वायरल हो गया है. इस मैसेज में झूठा दावा किया गया है कि भारत सरकार ने नागरिकों को दुश्मन के ड्रोन से बचने के लिए अपने स्मार्टफोन पर जीपीएस या लोकेशन सेटिंग बंद करने की सलाह दी है.

PIB ने क‍िया कंफर्म- मैसेज है ‘Fake’प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की फैक्ट चेक यूनिट ने इस वायरल मैसेज को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. X पर शेयर की गई एक पोस्ट में, PIB ने क्‍ल‍ियर किया है कि भारतीय सरकार ने ड्रोन हमलों से बचने के लिए स्मार्टफोन लोकेशन बंद करने को लेकर कोई सलाह जारी नहीं की है.

फैक्ट-चेकिंग टीम ने इस संदेश को “पूरी तरह से फर्जी और भ्रामक” बताया है. उन्होंने लोगों को आगाह किया कि वे ऐसे अप्रमाणित दावों पर विश्वास न करें और इन्हें आगे शेयर करने से बचें, क्योंकि इससे अनावश्यक दहशत और भ्रम फैल सकता है.

भारतीय नागरिकों में भ्रम फैलाने के लिए प्रोपेगैंडाPIB ने यह भी कहा है क‍ि ये गलत जानकारी जानबूझकर संवेदनशील समय में नागरिकों के बीच डर पैदा करने के लिए फैलाई जा रही हो सकती है. उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि सुरक्षा से संबंधित अपडेट के लिए केवल सरकारी आधिकारिक चैनलों पर ही भरोसा करें.

अधिकारियों ने दोहराया कि भारत की वायु रक्षा प्रणाली हवाई खतरों का मुकाबला करने में पूरी तरह सक्षम है और जनता को ऐसी अपुष्ट जानकारी पर ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है.

आपको क्‍या करना चाह‍िए 1. अनवेर‍िफाइड मैसेज यानी ज‍िसे सरकार से सत्‍याप‍ित न क‍िया गया हो या क‍िसी सरकारी चैनल से न म‍िला हो, उसे शेयर न करें. चाहे वे कितने भी जरूरी या चिंताजनक क्यों न लगें.

2. अपडेट्स के लिए आधिकारिक सरकारी हैंडल्स, जैसे PIB Fact Check, रक्षा मंत्रालय और गृह मंत्रालय को फॉलो करें.

3. संदिग्ध संदेशों की रिपोर्ट साइबर सुरक्षा अधिकारियों या फैक्ट-चेक प्लेटफॉर्म्स को करें.

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj