राजस्थान के इस किले के पास बनी झोपड़ी में 12 साल मीरा बाई ने की थी भक्ति, ये है मान्यता

Last Updated:April 04, 2025, 13:15 IST
राज परिवार में विवाह होने के बाद भी मीरा महलों से दूर अभावों के बीच भगवान कृष्ण की भक्ति करती थी. माउंट आबू शहर से भी मीरा बाई का नाता रहा है. माउंट आबू शहर से 12 किलोमीटर दूर समुद्र तल से 1450 मीटर की ऊंचाई पर…और पढ़ेंX
माउंट आबू. मीरा बाई की झोपड़ी
राजस्थान के हिल स्टेशन माउंट आबू में कई ऐतिहासिक धरोहर है, जो देश विदेश के पर्यटकों को अपनी तरफ खिंचती है. भगवान कृष्ण के परम भक्तों की बात होती है. एक नाम राजस्थान की मीरा बाई का जरूर आता है. राज परिवार में विवाह होने के बाद भी मीरा महलों से दूर अभावों के बीच भगवान कृष्ण की भक्ति करती थी. माउंट आबू शहर से भी मीरा बाई का नाता रहा है. माउंट आबू शहर से 12 किलोमीटर दूर समुद्र तल से 1450 मीटर की ऊंचाई पर एक पहाड़ी पर है मीरा बाई की झोपड़ी बनी हुई है. यहां मीरा बाई ने करीब 12 साल तक रहकर भगवान कृष्ण की भक्ति की थी.
स्थानीय रहवासी दिलीप भाई ने लोकल 18 को बताया कि वर्ष 1452 में महाराणा कुंभा माउंट आबू आए थे, उन्होंने इस पहाड़ी पर अचलगढ़ का किला बनवाया था. उसी समय चित्तौड़गढ़ से कृष्ण भक्त मीराबाई भी माउंट आबू आई थीं. मीरा को महलों में रहना अच्छा नहीं लगता था. इसलिए किले के पास ही एक कुटिया में रहकर भगवान की भक्ति में लीन रहती थी. आज भी यहां मीरा बाई का मंदिर बना हुआ है. जिसे देखने के लिए देश विदेश से पर्यटक यहां आते हैं.
मीरा बाई के आंसू से बना श्रावण भादो कुंडझोपड़ी के पास ही पहाड़ी के ऊपरी हिस्से में एक विशाल कुंड भी बना हुआ है. जिसे श्रावण भादो कुंड के नाम से जाना जाता है. एक ही कुंड बीच में सेदो भागों में बटा हुआ है. जिसे में को श्रावण और एक को भादो कुंड कहा जाता है. मान्यता है कि एक बार मीरा बाई को भीषण प्यास लगी थी.आज पास पानी का कोई जलस्रोत नहीं होने पर प्यास से उनके आंसू बहने लगे, जिससे ये कुंड बन गया. तालाब के अंदर दो भाग है, जो पानी कम होने पर अलग-अलग नजर आते हैं. आज भी भीषण गर्मी में भी इसमें पानी नजर आता है. कुंड के पास ही प्राचीन चामुंडा माता और गोपीचंद की गुफा बनी हुई है.
Location :
Sirohi,Rajasthan
First Published :
April 04, 2025, 13:15 IST
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इस किले के पास बनी झोपड़ी में 12 साल मीरा बाई ने की थी भक्ति, ये है मान्यता