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Sikandra stone famous abroad used in India Parliament House Ram Mandir

Last Updated:April 11, 2025, 11:46 IST

सिकंदरा के पत्थर की डिमांड सिर्फ देश ही नहीं, विदेशों तक होती है. यहां पत्थरों की नक्काशी के काम में दौसा जिले के करीब 70 कारीगर काम कर रहे हैं. बिहार के वैशाली में निर्माणाधीन बुद्ध स्तूप में भी सिकंदरा का पत्…और पढ़ेंX
सिकंदरा
सिकंदरा का पत्थर से बनी आकृति

हाइलाइट्स

सिकंदरा का पत्थर दिल्ली, अयोध्या, उज्जैन में उपयोग हो रहा है.विदेशों में भी सिकंदरा के पत्थर की अच्छी मांग है.सिकंदरा का पत्थर समय के साथ और चमकदार होता है.

दौसा:- 60-65 साल पहले सिकंदरा के कारीगर सिर्फ दरवाजों की चौखट बनाते थे. अब इनकी कारीगरी देश ही नहीं, विदेशों तक में अपने काम की पहचान बना रही है. बीते कुछ साल में दौसा जिले का हैंडीक्रॉफ्ट वर्क बढ़ रहा है. दिल्ली के कर्तव्य पथ, उप राष्ट्रपति आवास, वाणिज्य भवन, अयोध्या में श्रीराम मंदिर, उज्जैन में महाकाल में यहां के आर्ट वर्क का उपयोग हुआ है. इन दिनों दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय की बिल्डिंग, राजस्थान हाउस बन रहा है. इनमें भी सिकंदरा के पत्थर से छज्जे, जालियां लगाई जा रही है. पीएम कार्यालय में करीब 50 हजार स्क्वायर फीट पत्थर लगेगा.

बुद्ध स्तूप में भी सिकंदरा का पत्थर यहां पत्थरों की नक्काशी के काम में दौसा जिले के करीब 70 कारीगर काम कर रहे हैं. बिहार के वैशाली में निर्माणाधीन बुद्ध स्तूप में भी सिकंदरा का पत्थर लग रहा है. दो-तीन गाड़ी पत्थर प्रतिदिन जा रहा है. सिकंदरा टोल प्लाजा से मानपुर तक 5 किमी लंबे हाइवे के दोनों तरफ 400 से 500 जगह सीएनसी वर्क होता है. कई आर्टिकल शोरूम खुल चुके हैं. बरसों पहले छैनी-हथोडी से होने वाला काम अब मशीनों पर शिफ्ट हो गया है.

डायमंड लगे वायर से पत्थर की कटिंग करने वाले नई तकनीक की मशीनें आ गई हैं. इस मशीन में तार पत्थर को काटती है. कुछ मशीनें ऐसी हैं कि पत्थर को चाहो जिस डिजाइन में काट लो. इन मशीनों से पत्थर को खूबसूरत डिजाइनों में काटने का काम होता है. डिजाइन कोई एक तरह की नहीं होती. ग्राहक अपनी इच्छानुसार डिजाइन दिला सकता है. पत्थर की जालियां, फूल-पत्तियां, झरोखे, गार्डन की बैंच, पिलर, वॉल क्लेडिंग (दीवार पर लगने वाले डिजाइनिंग पत्थर), छज्जे, वॉल म्यूलर सहित कई तरह के हैंडीक्रॉफ्ट के काम होने लगे हैं.

विदेश में भी अच्छी डिमांडस्टोन व्यापारियों के अध्यक्ष खैरातिलाल सैनी ने लोकल 18 को बताया कि सिकंदरा का पत्थर इजरायल में होटल में लगाया गया है. इजराइल में 28 कंटेनर सिकंदरा से पत्थर भरकर लेकर गए थे. जर्मनी में इंडिया लेमिनेशन का कार्य मिला, जिसमें रेड स्टोन लगाया गया. दुबई एयरपोर्ट पर भी सिकंदरा का पत्थर लगाया गया है. यहां दुबई में सोफे सेट बनाए गए हैं.

वहीं विदेशों में अच्छी खासी डिमांड सिकंदरा की पत्थर की जाती है. देश की बात करें, तो देश में भी बड़े-बड़े कार्यालय में सिकंदरा का पत्थर ही लगाया गया है. दिल्ली के संसद भवन में राष्ट्रपति भवन में राजस्थान हाउस दिल्ली के चौराहे पर भी सिकंदरा का पत्थर ही लगाया गया है.

सिकंदरा के पत्थर की यह खासियत स्टोन व्यापारी के अध्यक्ष खैरातिलाल Local 18 को बताते हैं कि सिकंदरा का पत्थर एक बार लगाने के बाद जितना पुराना होता जाता है, उतना ही सिकंदरा के पत्थर पर चमक आती जाती है. यह कई वर्षों तक खराब नहीं होता है. यहां की कारीगरी इतनी बारीकी से की जाती है कि इसकी सुंदरता दूर से ही दिखाई देती है. यहां पत्थर लगवाने लोग खुद आते हैं और वह पसंद करते हैं. पसंद करने के बाद ही यहां ऑर्डर देकर जाते हैं, फिर माल को पहुंचाया जाता है.

Location :

Dausa,Rajasthan

First Published :

April 11, 2025, 11:43 IST

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सिकंदरा का पत्थर विदेश में भी चर्चित, भारत के संसद भवन और राम मंदिर में भी लगा

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