Sikar Chunav Result 2024 LIVE: बीजेपी को रोकने साथ आई कांग्रेस और माकपा, कड़ा है मुकाबला
सीकर. सीकर राजस्थान की वह लोकसभा सीट है जिसका प्रतिनिधित्व देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल और लोकसभा अध्यक्ष रहे कांग्रेस के दिग्गज नेता बलराम जाखड़ कर चुके हैं. राजस्थान में सीकर और श्रीगंगानगर जिले की धरा पर ही माकपा ने मजबूती से अपने पैर पसारे हैं. यही वजह है कि कांग्रेस ने इस बार यहां बीजेपी के विजयी रथ को रोकने के लिए इंडी गठबंधन के तहत कामरेड अमराराम को आगे किया है. वहीं बीजेपी ने अपने मौजूदा सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती पर भरोसा बरकरार रखते हुए उन पर तीसरी बार दांव खेला है.
सांप्रदायिक सौहार्द्र और वीरता की प्रतिमूर्ति रहे महाराव शेखाजी के नाम से मशहूर हुई शेखावाटी वीर सैनिकों की धरा है. यहां के तीनों जिलों सीकर, चूरू और झुंझुनूं में बड़ी संख्या में वर्तमान और पूर्व फौजी हैं. यहां के गांव-गांव, ढाणी-ढाणी में स्थापित शहीदों की मूर्तियों उनकी वीरता का बखान करती है. सीकर ही वह धरती है जहां से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जाट समाज को ओबीसी आरक्षण में शामिल करने का वादा किया था और बाद में उसे अमली जामा भी पहनाया था.
दोनों पार्टियां यहां जाट प्रत्याशी पर ही दांव लगाती हैसीकर को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. जाट बाहुल्य होने के कारण यहां से अधिकतर सांसद जाट जाति से ही रहे हैं. बीजेपी और कांग्रेस दोनों की पार्टियां अधिकतर यहां जाट जाति के प्रत्याशी पर ही दांव लगाती है. इस बार भी वैसा ही है. बीजेपी प्रत्याशी स्वामी सुमेधानंद सरस्वती यूं तो हरियाणा से ताल्लुक रखते हैं. लेकिन वे बरसों सीकर के समीप स्थित पिपराली में अपना वैदिक आश्रम बनाकर रहते हैं. पहले सामाजिक- धार्मिक रहने वाले स्वामी सुमेधानंद ने दस साल पहले राजनीति में प्रवेश किया और फिर मजबूती से अपने पांव जमा लिए.
सुमेधानंद दो बार सांसद तो अमराराम चार बार विधायक रह चुके हैंवहीं उनका मुकाबला करने चुनाव मैदान में उतरे कामरेड अमराराम चार बार के विधायक हैं. वे कई बार लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन कभी सांसद नहीं बने. उनकी सीकर के धोद और दांतारामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में मजबूत पकड़ है. सीकर शहर में भी माकपा स्थानीय चुनावों में अपनी उपस्थित दर्ज कराती है. वहीं लोकसभा सीट का लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र राजस्थान पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा का गृह और निर्वाचन क्षेत्र है. कांग्रेस और माकपा गठबंधन के लिए इससे मुफीद कोई सीट नहीं है. लिहाजा कांग्रेस यहां काफी कॉन्फिडेंट नजर आ रही है. इन सभी सियासी समीकरणों ने यहां के चुनाव को रोचक और टफ बनाकर रखा है.
पिछले चुनावों में सुमेधानंद ने जीत का मार्जिन बढ़ाया थाबीते लोकसभा चुनाव में यहां से बीजेपी के स्वामी सुमेधानंद ने कांग्रेस के सुभाष महरिया को हराया था. सुभाष महरिया पूर्व में यहां से बीजेपी से दो बार सांसद और वाजपेयी सरकार में मंत्री रह चुके हैं. लेकिन बाद में टिकट कटने से नाराज होकर कांग्रेस में चले गए और फिर सुमेधानंद के खिलाफ चुनाव लड़ा लेकिन हार गए. सुमेधानंद ने महरिया को 297156 वोटों के अंतर से हराया था. उनका वोट शेयर 58.2 फीसदी था. उनकी जीत का मार्जिन साल 2014 के मुकाबले बढ़ा था. सुमेधानंद ने 2019 में कुल 772194 वोट प्राप्त किए थे. इस बार कांग्रेस और माकपा के साथ आने से मुकाबला बेहद कड़ा है.
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FIRST PUBLISHED : June 4, 2024, 06:10 IST