Rajasthan

सीकर के किसान ने कृषि वैज्ञानिकों को दी टक्कर! इजाद किया हाई-यील्ड बाजरा बीज, लाखों में हो रही कमाई

Last Updated:October 30, 2025, 09:44 IST

Desi Millet Seeds: सीकर जिले के प्रगतिशील किसान कुशाल सिंह ने जैविक खेती में नवाचार कर खुद का देसी बाजरे का बीज तैयार किया है. वैज्ञानिक तकनीकों का प्रयोग करते हुए उन्होंने दो साल की मेहनत से यह नई ब्रीड विकसित की है, जिसकी सिट्टा लंबाई 46 सेंटीमीटर तक होती है. यह बीज अब तक का सबसे अधिक उत्पादन देने वाला माना जा रहा है. कुशाल सिंह पिछले 15 वर्षों से पूरी तरह जैविक खेती कर रहे हैं और उनके उत्पाद बाजार में डेढ़ गुने दाम पर बिक रहे हैं.

सीकर. राजस्थान में बाजरे की खेती सबसे अधिक होती है. यहां किसान बड़ी मात्रा में इसकी खेती भी करते हैं, लेकिन इसकी खेती में सबसे ज्यादा समस्या इसके उत्पादन के समय आती है. अगर बीज चयन सही नहीं हुआ तो उत्पादन और मुनाफे पर इसका असर पड़ता है. लेकिन सीकर जिले के एक किसान ने इस समस्या का समाधान भी निकाल लिया है. इस किसान ने कृषि वैज्ञानिक तकनीक को पीछे छोड़ खुद अपने खेत में बाजरे की नई ब्रीड तैयार की है. इसका सफल परीक्षण उन्होंने खुद अपने खेत में किया है.

इस किसान का नाम कुशाल सिंह है और ये सीकर जिले के धोद नगरपालिका के रहने वाले हैं. कुशाल पिछले कई सालों से पारंपरिक कर रहे हैं. पारंपरिक खेती में लगातार हो रहे कम उत्पादन और नुकसान के बाद उन्होंने जैविक खेती करना शुरू की और खुद अपने खेत में अपना देसी बीज तैयार करने की ठानी और वैज्ञानिक तकनीक अपना कर लगातार 2 साल तक बाजरे के बीजों को उगाते रहे. कड़ी मेहनत, अपनी सूझबूझ और वैज्ञानिक तकनीक से उन्हें कुशाल सिंह देसी बाजरे का नया बीज तैयार करने में सफल हो गए हैं. अब यह किसान दूसरे किसानों को भी यह बीज उपलब्ध करा रहे हैं.

40 से 46 सेंटीमीटर है बाजरे की लंबाई

प्रगतिशील किसान कुशाल सिंह ने बताया कि उनके द्वारा तैयार किए गए बाजरे का देसी बीज अन्य सामान्य बीजों से काफी अधिक अलग है. यह बीज अलग दिखाने के साथ-साथ फसल में उत्पादन भी काफी ज्यादा देते हैं. उन्होंने बताया कि उनके बाजरे की देसी बीजों का सीट्टा की लंबाई भी अधिक होती है. कुशाल सिंह ने बताया कि उनके द्वारा तैयार किए गए बाजरे के नए बीजों में सिट्टो की लंबाई से 40 से 46 सेंटीमीटर होती है. उन्होंने दावा किया कि यह अब तक का सबसे अधिक उत्पादन देने वाला बीज है.

15 साल से कर रहे हैं जैविक खेती

प्रगतिशील किसान कुशाल सिंह ने बताया कि पारंपरिक खेती में नवाचार करके वह पिछले 15 साल से जैविक खेती कर रहे हैं. खेती में भी किसी प्रकार के केमिकल कीटनाशकों का उपयोग नहीं करते हैं. उन्होंने बताया कि वह पूरी तरीके से जहर मुक्त खेती करते हैं. बाजरे की फसल के अलावा कुशाल सिंह सब्जी, फल और फसल भी अपने खेत में उगाते है. वे सीधा ग्राहकों तक अपने खेत में उगाए गए सब्जी, फल और अनाजों को देते हैं. उन्होंने बताया कि उनके द्वारा की गई जैविक खेती से प्राप्त होने सब्जियों और अनाज का बाजार भाव से डेढ़ गुना अधिक गुना अधिक दाम मिलता है. ऐसे में खेती में नवाचार करके कुशाल सिंह सालाना लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं.
deep ranjan

दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट…और पढ़ें

दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट… और पढ़ें

Location :

Sikar,Rajasthan

First Published :

October 30, 2025, 09:44 IST

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सीकर के किसान ने कृषि वैज्ञानिकों को दी टक्कर! इजाद किया हाई-यील्ड बाजरा बीज

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