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Last Updated:April 19, 2025, 14:27 IST

खाटूश्याम जी दर्शन करने के बाद जीण माता के रास्ते होते हुए हर्ष पर्वत पर यह जगह मौजूद है. यहां पर विशालकाय पवन चक्कियां, घने जंगल के बीच होता हुआ रास्ता और भगवान शिव का चमत्कारिक मंदिर बहुत विशेष है. X
हर्ष
हर्ष पर्वत 

हाइलाइट्स

हर्ष पर्वत राजस्थान का दूसरा सबसे ऊंचा पहाड़ है.यहां पवन चक्कियां, घने जंगल और शिव का प्राचीन मंदिर है.यह जगह पुरातत्व विभाग के अधीन है.

सीकर:- विश्व प्रसिद्ध खाटूश्याम जी मंदिर से लगभग 40 किलोमीटर दूर प्रकृति के गोद में एक ऐसी जगह है, जहां पर चारों तरफ शांति है. अगर आप शहर की भीड़भाड़ भरी जिंदगी से कुछ पल शांति के बीच बिताने की प्लानिंग बना रहे हैं, तो इस जगह पर आ सकते हैं. खाटूश्याम जी दर्शन करने के बाद जीण माता के रास्ते होते हुए हर्ष पर्वत पर यह जगह मौजूद है. यहां पर विशालकाय पवन चक्कियां, घने जंगल के बीच होता हुआ रास्ता और भगवान शिव का चमत्कारिक मंदिर बहुत विशेष है.

पुरातत्व विभाग के अधीनयह राजस्थान का दूसरे सबसे ऊंचा पहाड़ है. इसकी ऊंचाई 3100 फिट है. यह जगह बेहद प्राचीन होने के कारण पुरातत्व विभाग के अधीन है और सरकार द्वारा ग्रीन प्रोजेक्ट के तहत इस जगह पर काम किया जा रहा है. खास बात यह है कि 3100 फीट ऊंचे इस पहाड़ पर किसी तरह की कोई दुकान और भीड़ नहीं मिलेगी.

आप यहां पर जल्दी सुबह सनराइज और देर शाम सनसेट का आनंद ले सकते हैं. परिवार के साथ यहां पर आप आकर पिकनिक भी मना सकते हैं. छोटे बच्चों के लिए यहां पर नीलगाय और चीतल जैसे जानवर भी देखने को मिलेंगे.

पवन चक्कियों से बनती है बिजलीहर्ष पर्वत पर आधा दर्जन से अधिक पवन चक्कियां लगाई गई हैं. कई फीट ऊंचाई पर लगे पंखे वायु वेग से घूमकर विद्युत का उत्पादन करते हैं. साल 2004 में 7.2 मेगावाट की पवन विद्युत परियोजना शुरू की. यहां पवन को ऊर्जा में परिवर्तित करने वाले टावर लगे हैं. यहां उत्पन्न होने वाली विद्युत ऊर्जा फिलहाल 132 केवी जीएसएस खूड को आपूर्ति की जाती है.

इसे विद्युत निगम विभिन्न गांव-ढाणियों में सप्लाई करता है. इस जगह पर आप फोन और टीवी में बहुत सुंदर दिखने वाली पवन चक्कियों को अपनी आंखों से देख सकते हैं. इन्हें पहली बार देखने वाला पल पूरे जीवन में से सबसे विशेष पलो में से एक होता है.

भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है मौजूदखाटूश्याम जी के दर्शन करने के बाद हजारों भक्त हर्ष पर्वत पर स्थित भगवान शिव की पंचमुखी मूर्ति के दर्शन के लिए आते हैं. भगवान शिव की यह मूर्ति बहुत दुर्लभ मानी जाती है. मंदिर पुजारियों के अनुसार, यह राजस्थान की एकमात्र व सबसे प्राचीन शिव प्रतिमा है. हर्ष पर्वत पर मौजूद शिव मंदिर की विशालता और आकर्षक शैली के कारण औरंगजेब ने इस मंदिर को तहस-नहस किया था. आज भी औरंगजेब की सेवा के द्वारा तहस-नहस किए गए इस मंदिर के प्रमाण यहां पर देखे जा सकते हैं. धार्मिक पर्यटन के अलावा हिस्टोरिकल जगह के हिसाब से भी यह पर्यटकों का फेवरेट पॉइंट है.

Location :

Sikar,Rajasthan

First Published :

April 19, 2025, 14:27 IST

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सीकर में खाटूश्याम दर्शन के बाद समझ नहीं आ रहा कहां जाएं, यहां मिलेगा जवाब!

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