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Sikar NH-52 | Sikar overbridge project | 3 new overbridges | Jaipur Reengas six lane ring road | NH-52 highway development | Sikar traffic update

Last Updated:November 24, 2025, 11:05 IST

Sikar Overbridge Project: सीकर में NH-52 पर 71.22 करोड़ रुपये की लागत से तीन ओवरब्रिज बनाए जाएंगे. यह परियोजना ट्रैफिक सुधार और सड़क सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई है. जयपुर से रींगस तक सिक्स लेन रिंग रोड़ का सर्वे पूरा हो चुका है, जिससे क्षेत्र में परिवहन सुविधाओं में सुधार होगा.ओवरब्रिज

सीकर. राजस्थान के सीकर जिले के एनएच-52 पर 3 ओवरब्रिज बनने वाले है. ये ओवरब्रिज अलग अलग इलाकों में बनाए जाएंगे. बाजौर, बावड़ी और रींगस रीको क्षेत्र में ट्रैफिक दबाव और लगातार बढ़ते हादसों को देखते हुए तीन बड़े ओवरब्रिज बनाए जाएंगे. खुशी की बात ये है कि इन तीनों ओवरब्रिज को बनाए जाने की तैयारी अंतिम चरण में पहुंच गई है.इसे परियोजना की कुल लागत 71.22 करोड़ रुपए तय की गई है, जिसके लिए एनएचएआई ने टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है.

ओवरब्रिज निर्माण

जानकारी के अनुसार, निर्माण कार्य दिसंबर माह से शुरू किया जाएगा और अगले वर्ष इसके पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है, जिससे आमजन को बड़ी राहत मिलेगी. इन ओवरब्रिजों की लंबाई 800 मीटर से अधिक होगी और इनके नीचे अंडरपास भी विकसित किए जाएंगे. अंडरपास की चौड़ाई 30 फीट तथा ऊंचाई 15 फीट रखी जाएगी, जिससे दो बड़े वाहन भी आसानी से गुजर सकेंगे.

ओवरब्रिज निर्माण

जानकारी के अनुसार, ओवरब्रिज पर आधुनिक स्ट्रीट लाइटिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी. इन निर्माण कार्यों का मकसद ग्रामीणों की कनेक्टिविटी बढ़ाना और यात्रा को अधिक सुरक्षित व सुगम बनाना है. इसके अलावा बाजौर, बावड़ी और रींगस क्षेत्र लंबे समय से ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित हैं, जहां लगातार दुर्घटनाए होना बड़ी चुनौती बनी हुई थी. पिछले दो वर्षों में इन क्षेत्रों में 57 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 244 यात्री गंभीर रूप से घायल हुए. इस स्थिति ने यातायात व्यवस्थाओं में सुधार की मांग को तेज कर दिया था.

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ओवरब्रिज

बढ़ते हादसों की वजह से सड़क इंजीनियरिंग पर भी सवाल उठने लगे थे. इन समस्याओं को देखते हुए पूर्व सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने मार्च माह में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने की मांग की थी. इसके अलावा उन्होंने व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर स्थिति की गंभीरता समझाई, जिसके बाद केंद्रीय मंत्री ने एनएचएआई को विस्तृत प्रोजेक्ट तैयार करने के निर्देश दिए. एनएचएआई ने ओवरब्रिज व अंडरपास का समाधान प्रस्तुत किया, जिस पर तुरंत सहमति मिल गई और प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी गई.

ओवरब्रिज निर्माण

आपको बता दें कि, इन ओवरब्रिजों और अंडरपासों के निर्माण से 200 से ज्यादा गांवों और ढाणियों के ग्रामीणों को सीधा लाभ मिलेगा. अभी तक ग्रामीणों को हाइवे पार करने में बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, जो दुर्घटनाओं का मुख्य कारण बनता था. अब अंडरपास बनने के बाद दोनों दिशाओं में आवागमन सरल हो जाएगा. साथ ही ओवरब्रिज से भारी ट्रैफिक ऊपर से निकलेगा, जिससे जाम की समस्या भी काफी हद तक खत्म होगी.

ओवरब्रिज निर्माण

एनएच-52 के इस हिस्से से प्रतिदिन करीब 20 हजार वाहनों का आवागमन होता है, जिससे ट्रैफिक दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. इस कारण जाम और हादसों की घटनाएँ आम हो गई थीं. प्रस्तावित ओवरब्रिज बनने से न केवल सड़क सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि यात्रा समय में भी कमी आएगी. वाहन चालकों को बार-बार रुकने की समस्या से मुक्ति मिलेगी और हाईवे की क्षमता भी बढ़ेगी, जिससे समग्र यातायात व्यवस्था बेहतर होगी.

जयपुर खाटू रिंग रोड

इसी के साथ जयपुर से रींगस तक एनएच-52 को सिक्स लेन करने तथा खाटू क्षेत्र में रिंग रोड विकसित करने का सर्वे भी शुरू कर दिया गया है. दिसंबर से पहले सर्वे रिपोर्ट एनएचएआई को सौंप दी जाएगी, जिसके बाद दोनों प्रोजेक्ट्स की टेंडर प्रक्रिया नए साल में प्रस्तावित है. इन परियोजनाओं के पूरा होने से पूरे इलाके में ट्रैफिक का दबाव काफी कम होगा और खाटू आने-जाने वाले श्रद्धालुओं व स्थानीय लोगों को बड़ी राहत मिलेगी.

First Published :

November 24, 2025, 11:05 IST

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सीकर में ट्रैफिक का संकट खत्म! 71 करोड़ खर्च से NH-52 पर बनेंगे 3 ओवरब्रिज

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