सीकर की पहचान है दीक्षित जी के लड्डू, स्वाद, परंपरा और शुद्धता का 125 साल पुराना भरोसा आज भी है कायम – Rajasthan News

Last Updated:December 23, 2025, 12:27 IST
Dixit Ji ke Laddu Sikar: सीकर के दीक्षित जी के लड्डू करीब 125 साल पुरानी परंपरा और स्वाद का प्रतीक है. चार पीढ़ियों से चली आ रही इस दुकान के लड्डू हर खुशी की शुरुआत माने जाते हैं. शुद्ध देसी घी, बेसन और ड्राई फ्रूट्स से बने ये लड्डू न सिर्फ स्वाद में बेहतरीन हैं, बल्कि ताजगी और ऊर्जा भी देते हैं. यही वजह है कि आज भी इनकी लोकप्रियता बरकरार है.
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सीकर. राजस्थान के सीकर शहर स्थित दीक्षित जी के लड्डू अपने स्वाद के लिए प्रसिद्ध है. इनकी दुकान पर हमेशा भीड़ रहती है. सगाई, शादी, नई नौकरी या फिर चुनावों के रिजल्ट हर खुशी की शुरुआत सीकर में दीक्षित जी के लड्डू से ही होती है. इनके लड्डू पूरे दिन एनर्जी और फ्रेशनेस देते हैं. लोग दीक्षित जी के लड्डू सिर्फ स्वाद के लिए नहीं बल्कि ताजगी के लिए भी पसंद करते हैं. सीकर के दीक्षित जी बताते हैं कि उनके लड्डू बनाने की परंपरा कोई आज की नहीं, बल्कि करीब चार पीढ़ियों से चली आ रही है.
उनकी दुकान लगभग 125 साल पुरानी है और इतने सालों में भी लड्डू के टेस्ट और क्वालिटी में कोई बदलाव नहीं आया है. आज के मॉडर्न टाइम में जहां हर चीज में बदलाव हो रहा है, वहीं दीक्षित जी आज भी वही पुराना रेसिपी फॉर्मूला और ट्रेडिशनल मेथड अपनाते हैं. उनका कहना है कि यही वजह है कि उनके लड्डू आज भी लोगों को बचपन के स्वाद की याद दिलाते हैं और हर उम्र के लोगों को पसंद आते हैं.
लड्डू बनाने में शुद्ध सामाग्री का करते हैं प्रयोग
दीक्षित जी खास तौर पर इस बात पर जोर देते हैं कि उनके यहां लड्डू बनाने में इस्तेमाल होने वाला हर सामान पूरी तरह शुद्ध और हाई क्वालिटी का होता है. देसी घी, शुद्ध बेसन और फ्रेश ड्राई फ्रूट्स का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें किसी तरह का समझौता नहीं किया जाता. उनका मानना है कि गुड क्वालिटी रॉ मटीरियल ही किसी भी प्रोडक्ट की असली पहचान होती है. यही वजह है कि उनके लड्डू खाने के बाद भारीपन नहीं लगता बल्कि बॉडी में एनर्जी और पॉजिटिव फीलिंग आती है. लोग इन्हें आज भी भरोसे के साथ खरीदते हैं.
मंदिरों से महानगरों तक है लड्डू की पहचान
दीक्षित जी के लड्डू सिर्फ सीकर तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि राजस्थान के बड़े मंदिरों जैसे जीण माता जी, खाटू श्याम बाबा और सालासर बालाजी में प्रसाद के रूप में भी चढ़ाए जाते हैं. इसके अलावा मुंबई, कलकत्ता, हैदराबाद और सूरत जैसे शहरों से आने वाले प्रवासी लोग खासतौर पर यहां से लड्डू लेकर जाते हैं. उनके लिए यह सिर्फ मिठाई नहीं, बल्कि अपने शहर और परंपरा की याद होती है. यही वजह है कि कहा जाता है, अगर आपने दीक्षित जी के लड्डू नहीं खाए तो आपने असली स्वाद का अनुभव ही नहीं किया.About the Authordeep ranjan
दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट…और पढ़ें
Location :
Sikar,Rajasthan
First Published :
December 23, 2025, 12:27 IST
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सीकर की पहचान है दीक्षित जी के लड्डू, 125 साल से स्वाद का भरोसा है कायम



