Rajasthan

Single Working Woman Can Adopt Child Under Juvenile Justice Act: Court | एकल कामकाजी महिला को भी बच्चा गोद लेने का अधिकार : बॉम्बे हाईकोर्ट

locationजयपुरPublished: Apr 14, 2023 12:34:04 pm

निचली अदालत का फैसला रद्द, कहा- कामकाजी होने का हवाला देकर एकल महिला को बच्चा गोद लेने से मना करना मध्ययुगीन रूढि़वादी मानसिकता को दर्शाता है।

एकल कामकाजी महिला को भी बच्चा गोद लेने का अधिकार : बॉम्बे हाईकोर्ट

एकल कामकाजी महिला को भी बच्चा गोद लेने का अधिकार : बॉम्बे हाईकोर्ट

मुम्बई. बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा कि सिंगल पैरेंट को इस आधार पर बच्चा गोद लेने के लिए अपात्र नहीं ठहराया जा सकता कि वे कामकाजी होने से बच्चे पर ध्यान नहीं दे पाएंगे। जस्टिस गौरी गोडसे की एकल पीठ ने कहा कि सिंगल पैरेंट कामकाजी होने के लिए बाध्य हैं। कामकाजी होने का हवाला देकर उन्हें बच्चा गोद लेने से मना करना मध्ययुगीन रूढि़वादी मानसिकता को दर्शाता है।
कोर्ट ने 47 साल की एक तलाकशुदा महिला को अपनी भांजी को गोद लेने की अनुमति दे दी। मार्च, 2022 में भुसावल (महाराष्ट्र) के सिविल कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए पेशे से शिक्षिका इस महिला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में उसने अपनी बहन की बेटी को गोद लेने की इजाजत मांगी थी। जस्टिस गोडसे ने कहा, कानून एकल माता-पिता को दत्तक माता-पिता होने के योग्य मानता है, लेकिन निचली अदालत का दृष्टिकोण कानून के मूल उद्देश्य को विफल कर देता है। हाईकोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को रद्द करते हुए भुसावल नगर परिषद को इस महिला का नाम मां के रूप में शामिल करने के लिए बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र को संशोधित करने का निर्देश दिया।

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