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SIR Phase Two Update | SIR Phase Two Latest Update- SIR में लगे अधिकारियों का ट्रांसफर नहीं कर सकती राज्य सरकार, EC के कंट्रोल में रहेंगे अफसर

Last Updated:October 27, 2025, 20:20 IST

SIR Phase Two Update: SIR के दूसरे चरण के ऐलान के साथ चुनाव आयोग ने साफ किया कि मतदाता सूची में लगे अधिकारी राज्य सरकार के नहीं, आयोग के नियंत्रण में रहेंगे. ट्रांसफर के लिए EC की अनुमति जरूरी होगी. पढ़िए इस खबर में पूरी जानकारी…SIR के अफसरों का ट्रांसफर नहीं करेगी राज्य सरकार, EC के अधीन रहेंगे अधिकारीSIR प्रक्रिया के दौरान मतदाता सूची में लगे अफसर निर्वाचन आयोग के अधीन रहेंगे. (फाइल फोटो PTI)

नई दिल्ली: चुनाव आयोग (EC) ने सोमवार, 27 अक्टूबर 2025 को SIR (स्पेशल इंटीग्रेटेड रिवीजन) के दूसरे चरण की घोषणा के साथ एक अहम स्पष्टीकरण दिया. चुनाव आयोग के अनुसार इस प्रक्रिया में लगे कर्मचारियों और अधिकारियों का ट्रांसफर राज्य सरकार नहीं कर सकती. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम पूरी तरह निर्वाचन आयोग के नियंत्रण में है.

इसलिए जो भी अधिकारी या कर्मचारी इस प्रक्रिया में तैनात हैं, वे आयोग के डेपुटेशन पर माने जाएंगे और किसी भी तरह के स्थानांतरण या अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए राज्य सरकार को आयोग की अनुमति लेनी होगी. इस बयान को पश्चिम बंगाल से जुड़े एक सवाल के जवाब में दिया गया, जहां राज्य सरकार ने हाल ही में कुछ अधिकारियों के ट्रांसफर के आदेश जारी किए थे. आयोग ने साफ कर दिया कि ऐसा कदम जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 13CC का उल्लंघन माना जाएगा.

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 13CC क्या कहती है?इस धारा के तहत मतदाता सूची की तैयारी, पुनरीक्षण या चुनाव संचालन से जुड़े सभी अधिकारी और कर्मचारी निर्वाचन आयोग के अधीन डेपुटेशन पर होते हैं. यानी जब तक वे चुनाव संबंधी कार्य कर रहे हैं, वे आयोग के नियंत्रण, पर्यवेक्षण और अनुशासनात्मक अधिकार के अधीन रहते हैं.आयोग न केवल उनके कार्यों की निगरानी कर सकता है बल्कि यदि कोई अधिकारी कर्तव्य में लापरवाही करे, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा या निलंबन तक कर सकता है.

सुप्रीम कोर्ट का भी है स्पष्ट आदेशभारत के सुप्रीम कोर्ट के एक ऐतिहासिक फैसले में यह स्थापित किया जा चुका है कि चुनाव अवधि में निर्वाचन आयोग को यह अधिकार है कि वह किसी भी अधिकारी चाहे वह राज्य सरकार का ही क्यों न हो को चुनावी कर्तव्यों में लापरवाही या अवज्ञा के लिए निलंबित कर सकता है. साथ ही इस अवधि में राज्य सरकार आयोग की अनुमति के बिना किसी अधिकारी का ट्रांसफर या कार्रवाई नहीं कर सकती.

SIR प्रक्रिया के हर चरण पर लागू होता है प्रावधानधारा 13CC का दायरा केवल चुनाव तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मतदाता सूची के पुनरीक्षण (SIR) और नामांकन कार्यों पर भी लागू होता है. यानी मतदाता सूची के अपडेट से लेकर फाइनल रोल तक, सभी चरणों में अधिकारी सीधे ECI के कंट्रोल में रहते हैं. मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि यह प्रावधान इस बात की गारंटी देता है कि चुनावी कार्य में लगे सभी अधिकारी राजनीतिक या प्रशासनिक दबाव से मुक्त होकर काम कर सकें.

उद्देश्य: निष्पक्ष और पारदर्शी चुनावी व्यवस्थाआयोग के अनुसार इस व्यवस्था का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी राज्य सरकार या राजनीतिक शक्ति चुनावी प्रक्रिया में दखल न दे सके. यह कदम न केवल लोकतंत्र की पारदर्शिता को मजबूत करता है, बल्कि प्रशासनिक निष्पक्षता की गारंटी भी देता है.

Sumit Kumar

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master’s degree in Journalism. Before working in Hindi, …और पढ़ें

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master’s degree in Journalism. Before working in Hindi, … और पढ़ें

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October 27, 2025, 20:18 IST

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SIR के अफसरों का ट्रांसफर नहीं करेगी राज्य सरकार, EC के अधीन रहेंगे अधिकारी

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