Rajasthan

तंबू के नीचे बैठ मना रहे थे मातम, ऊपर से गिरी मौत! दूसरे की मैयत में उठ गया खुद का जनाजा

Last Updated:May 20, 2025, 11:00 IST

बालोतरा के उमरलाई में शोक सभा के दौरान बिजली का तार टेंट पर गिरने से 2 लोगों की मौत हो गई वहीं 8 घायल हो गए. घायलों को नाहटा अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से गंभीर मामलों को जोधपुर रेफर किया गया. इसे लेकर प…और पढ़ेंदूसरे की मैयत में उठ गया खुद का जनाजा, मातम समारोह में मचा हड़कंप

उमरलाई गांव में एक शोक सभा के दौरान एक दुखद हादसा हुआ

राजस्थान के बालोतरा जिले के उमरलाई गांव में एक शोक सभा के दौरान एक दुखद हादसा हुआ, जिसमें हाई-टेंशन बिजली का तार टेंट पर गिरने से दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और आठ अन्य लोग गंभीर रूप से झुलस गए. यह घटना सोमवार सुबह हुई, जब गांव में 40 से अधिक लोग शोक सभा में शामिल थे. हादसे ने पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ा दी और बिजली विभाग की लापरवाही पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं. पुलिस ने इस मामले में लापरवाही का केस दर्ज किया है और जांच शुरू कर दी है.

ये है घटनाउमरलाई गांव में एक सामाजिक कार्यक्रम के तहत शोक सभा का आयोजन किया गया था. इस दौरान अचानक एक हाई-टेंशन बिजली का तार टूटकर टेंट पर जा गिरा, जिसके कारण टेंट में करंट दौड़ गया. इससे वहां मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गई. दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि आठ अन्य लोग गंभीर रूप से झुलस गए. घायलों को तुरंत निजी वाहनों और एम्बुलेंस के माध्यम से बालोतरा के नाहटा जिला अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल प्रशासन के अनुसार, घायल पुरुषों की उम्र 25 से 55 वर्ष के बीच है और सभी को गंभीर जलन के कारण आईसीयू में भर्ती किया गया है. गंभीर रूप से घायल कुछ लोगों को बेहतर इलाज के लिए जोधपुर रेफर किया गया है.

प्रशासन और पुलिस का रुखहादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया. भद्रक जिला कलेक्टर, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट और अन्य अधिकारियों ने अस्पताल का दौरा कर घायलों के इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित की. पुलिस ने प्रारंभिक जांच में पाया कि बिजली विभाग की ओर से सुरक्षा उपायों में कमी थी, जिसके कारण यह हादसा हुआ. एक अधिकारी ने बताया कि हाई-टेंशन लाइन को डिस्कनेक्ट करने में समन्वय की कमी रही, जिसके चलते तार टूटकर टेंट पर गिर गया. पुलिस ने इस मामले में लापरवाही का केस दर्ज किया है और जांच कर रही है कि इस हादसे के लिए कौन जिम्मेदार है.

स्थानीय लोगों में आक्रोशइस हादसे ने स्थानीय लोगों में बिजली विभाग और प्रशासन के खिलाफ गुस्सा पैदा कर दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि हाई-टेंशन लाइनों की समय-समय पर जांच और रखरखाव नहीं किया जाता, जिसके कारण ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं. कुछ लोगों ने सवाल उठाया कि इतने बड़े आयोजन के दौरान बिजली लाइन को डिस्कनेक्ट क्यों नहीं किया गया? यह हादसा उस समय हुआ जब देश भर में बिजली से होने वाली मौतों की संख्या पहले ही चिंताजनक स्तर पर है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर साल हजारों लोग बिजली के करंट से मरते हैं और राजस्थान उन राज्यों में शामिल है जहां ऐसी घटनाएं सबसे ज्यादा होती हैं.

बिजली सुरक्षा की चुनौतीभारत में बिजली से होने वाली दुर्घटनाएं एक गंभीर समस्या बनी हुई हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि अनियोजित निर्माण, पुरानी बिजली लाइनों का रखरखाव न होना और सुरक्षा मानकों की अनदेखी इसके प्रमुख कारण हैं. बालोतरा का यह हादसा भी इस बात का सबूत है कि शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में बिजली सुरक्षा को लेकर और सख्त कदम उठाने की जरूरत है.

आगे की कार्रवाईप्रशासन ने घायलों के बेहतर इलाज और पीड़ित परिवारों को सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है. कुछ स्थानीय नेताओं ने मांग की है कि मृतकों के परिवारों को मुख्यमंत्री सहायता कोष से आर्थिक मदद दी जाए. साथ ही, बिजली विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को और सख्त किया जाए. यह हादसा न केवल एक त्रासदी है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि बिजली सुरक्षा के प्रति जागरूकता और सख्ती की कितनी जरूरत है.

authorimgSandhya Kumari

न्यूज 18 में बतौर सीनियर सब एडिटर काम कर रही हूं. रीजनल सेक्शन के तहत राज्यों में हो रही उन घटनाओं से आपको रूबरू करवाना मकसद है, जिसे सोशल मीडिया पर पसंद किया जा रहा है. ताकि कोई वायरल कंटेंट आपसे छूट ना जाए.

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