Small Grain, Big Impact, Boosts Immunity and Digestion

Last Updated:October 16, 2025, 11:09 IST
नागौर: कहा जाता है कि, आकार देखकर किसी चीज़ को छोटा न समझें, क्योंकि छोटे दानों में भी बड़ा दम होता है. हमारे रसोईघर में सदियों से मौजूद काली मिर्च (Black Pepper) भी ऐसी ही अद्भुत मसाला है. दिखने में यह भले ही एक छोटा सा दाना हो, लेकिन इसके स्वास्थ्य लाभ (Health Benefits) बहुत बड़े और बहुआयामी हैं. चाहे वह सर्दी, गले की खराश हो या पेट की परेशानियां, घरेलू उपचार में यह सबसे पहले याद आती है.
यह बात सही है कि हमें चीजों के आकार देखकर उन्हें अनदेखा नहीं करना चाहिए. क्योंकि छोटे दाने में भी बड़ा दम हो सकता है. इन्हीं में से एक है काली मिर्च, जो दिखने में भले ही छोटी हो लेकिन सेहत के मामले में बड़े-बड़ों को मात देती है. जब सर्दी लग जाए, गले में खराबी हो या पेट बिगड़ जाए तो घर में सबसे पहले याद आती है, यही काली मिर्च. पुराने समय में जब डॉक्टर, दवाइयां इतनी आसानी से नहीं मिलती थी. तब लोग अपने घरों में रखे देसी मसाले से ही इलाज करते थे. खासकर सर्दियों के मौसम में काली मिर्च का इस्तेमाल हर घर में बढ़ जाता है. चाहे सुबह की चाय हो, दाल में तड़के के रूप में या फिर किसी घरेलू कार्य में, इसकी खुशबू और असर दोनों एकदम जबरदस्त होती है.
काली मिर्च दरअसल ‘पाइपर नाइग्राम’ नामक पौधे का सूखा हुआ फल है. इसे ‘मसालों की रानी’ भी कहा जाता है. राजस्थान में इसका उपयोग हर कोने में, खासकर रसोई में होता है, जो यहाँ की देसी परंपरा का हिस्सा है. जहाँ स्वाद के साथ सेहत का खजाना भी मिलता है. काली मिर्च का रोजाना सेवन करने के कई स्वास्थ्य लाभ हैं. इनमें पाचन में सुधार, वजन घटाने में मदद और सर्दी-खांसी से राहत शामिल हैं. यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) को बढ़ाती है. यह त्वचा और बालों को स्वस्थ रखती है. और रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) को नियंत्रित करने में भी सहायक होती है. इसके अतिरिक्त, यह मस्तिष्क स्वास्थ्य को बेहतर बनाने, कैंसर के जोखिम को कम करने और श्वसन संबंधी समस्याओं में भी फायदेमंद हो सकती है.
काली मिर्च पेट के लिए एक अद्भुत औषधि है. यह पेट के रस (Hydrochloric Acid) को बढ़ाती है, जिससे खाना जल्दी पचता है. जो लोग भारी खाना खाने के बाद गैस और अपच की समस्या से ग्रसित हैं, उनके लिए यह एक वरदान है. गाँवों में लोग सुबह खाली पेट एक गिलास गुनगुने पानी में चुटकी भर काली मिर्च और नींबू डालकर पीते हैं, जिससे पेट एकदम हल्का लगता है. ग्रामीणों की यह मान्यता कि काली मिर्च का काढ़ा पिए बिना खांसी नहीं जाती, बिलकुल सही है. वाकई में, काली मिर्च में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो गले की खराश, सर्दी और खांसी में तुरंत राहत देते हैं. ग्रामीण वासी शारदा देवी द्वारा बताया गया यह नुस्खा बहुत ही असरदार है कि तुलसी की पत्तियां, अदरक और काली मिर्च का काढ़ा बनाकर पीने से सर्दी छू भी नहीं पाएगी. यह नुस्खा, देसी ज्ञान और प्राकृतिक औषधियों की शक्ति को दर्शाता है.
काली मिर्च में मौजूद पिपेरिन (Piperine) नामक तत्व फैट (वसा) को जलाने में मदद करता है. यदि आप वजन कम करना चाहते हैं, तो अपने खाने में हल्की काली मिर्च का प्रयोग अवश्य करें. और सुबह खाली पेट नींबू पानी में थोड़ी सी काली मिर्च मिलाकर पिएँ. यह उपाय बढ़ते हुए वजन की समस्या को हल करने में सहायक हो सकता है. आज के समय में रोग प्रतिरोधक शक्ति (Immunity) का मजबूत होना बहुत ज़रूरी है. काली मिर्च शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं (White Blood Cells) को सक्रिय करती है, जिससे बीमारियों से लड़ने की ताकत बढ़ती है. इम्यूनिटी को मजबूत करने के लिए हम सोने से पहले दूध में हल्दी और चुटकी भर काली मिर्च डालकर पी सकते हैं, जिससे शरीर मजबूत बना रहेगा.
काली मिर्च में मौजूद पिपेरिन (Piperine) यादाश्त (मेमोरी) बढ़ाने में मदद करता है. यह छात्रों (स्टूडेंट्स) और ऑफिस में काम करने वाले लोगों के लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है. सुबह दूध में काली मिर्च और हल्का शहद डालकर पीने से दिमाग चुस्त रहेगा. काली मिर्च ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रखती है और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाती है. इसके लिए, खाने के बाद एक गिलास छाछ में चुटकी भर काली मिर्च डालें. इससे शुगर और पाचन दोनों संभल जाएँगे. इसके साथ ही, इसका सेवन कैंसर के जोखिम को कम करने में लाभकारी है. इसमें मौजूद पिपेरिन कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में सहायक हो सकता है.<br />यह पेट के कीड़ों से भी बचाव करता है. इसमें कुछ प्राकृतिक गुण होते हैं जो पेट के कीड़ों को खत्म करने में मदद कर सकते हैं.
गाँवों में जैसे ही सर्दी का मौसम आता है, तो लोग अपने खाने में काली मिर्च को शामिल कर लेते हैं. सर्दी के मौसम में वे लोग काली मिर्च वाली दाल या मिर्च-हल्दी का काढ़ा बनाते हैं. और चाय में भी काली मिर्च डालते हैं.<br />सर्दियों में खांसी होना एक आम बात है. इसके लिए गीता देवी ने एक बहुत ही कारगर देसी नुस्खा बताया है: सबसे पहले काली मिर्च को ओखली में कूट लें. उसके बाद तीन या चार पतासे (चीनी की बनी मिठाई) लें.<br />पतासे के ऊपर की पपड़ी को फोड़कर उसमें काली मिर्च का चूरा डालें. फिर एक गिलास गरम पानी कर लें. अब उस काली मिर्च वाले पतासे को गरम पानी में डुबोकर उसे खा लें. खाने के बाद में उस गरम पानी को पी लें. और गरम पानी पीने के बाद कोई ठंडा पानी या ठंडी चीज़ न खाएँ. यह उपाय न केवल देसी है, बल्कि आपको आधुनिक दवाइयों से भी बचाव करने में मददगार है. यह ग्रामीण परंपरा और प्राकृतिक चिकित्सा की शक्ति को दर्शाता है.
First Published :
October 16, 2025, 11:09 IST
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Black Pepper Benefits: किचन का जादूगर… यह छोटा दाना बदल सकता है आपकी सेहत