सोशल मीडिया बना जी का जंजाल! तबाह कर रहा पति-पत्नी के बीच का प्यार, तलाक तक आ रही नौबत
पाली:- सोशल मीडिया वैसे तो दूर बैठे लोगो के बीच दूरियों को कम करने का जरिया माना जाता रहा है. मगर आपको जानकर हैरानी होगी कि अब यही सोशल मीडिया प्यार का दुश्मन बनता जा रहा है. शायद आपको यकीन नहीं होगा, मगर यही सच है कि वर्तमान में पति पत्नी के झगड़े होने और बाद में घर टूटने जैसी नौबत बनने की स्थिति का सबसे बड़ा कारण यही सोशल मीडिया है. पति का बाहर दूसरी महिला से चक्कर होना या फिर महिलाओं के अधिकतर सोशल मीडिया पर व्यस्त रहना, ऐसे मामलों में सामने आया है. हालात ऐसे हैं कि दहेज प्रताड़ना के तो मामले केवल 20 प्रतिशत ही रह गए हैं, मगर 80 प्रतिशत मामले इसी तरह के सामने आते हैं. महिला थाना पश्चिम रेणु ठाकुर की मानें, तो ज्यादातर मामले पति और पत्नी के सोशल मीडिया पर व्यस्तता के सामने आ रहे हैं.
काउंसलिंग सेंटर न होते तो शायद नहीं बच पाते रिश्तेपति-पत्नी के झगड़े होना आम बात है. मगर वर्तमान में जिस तरह पति द्वारा पत्नी को प्रताड़ित करने जैसी स्थिति में पहले मुकदमा दर्ज होना बाद में घर टूटने जैसी नौबत बनती नजर आती है, इसको ध्यान में रखते हुए राजस्थान सरकार के निर्देशन पर सभी महिला थानों में महिला परामर्श सुरक्षा केन्द्र स्थापित किए गए हैं, जो पति और पत्नी से काउंसलिंग कर घर बसाने का काम कर रही हैं. मगर वर्तमान में अगर बात करें, तो पति और पत्नी के एक्स्ट्रा मैरिज अफेयर के चलते घर टूट रहे हैं, तो वही महिला और पुरुष दोनों के ही सोशल मीडिया से ज्यादा कनेक्टेड रहने से यह मामले बढ़ते जा रहे हैं.
बन रहा घर टूटने का कारणगौरतलब है कि दहेज प्रताड़ना और पति द्वारा पत्नी के साथ मारपीट जैसे मामलों में घर टूटने की बात तो आपने सुनी ही होगी. मगर वर्तमान की बात करें, तो बदलते परिवेश में अब पति के बाहर महिला के साथ संबंध रखने के चलते घर टूटने जैसे मामले ज्यादा महिला थाने पहुंच रहे हैं.
80 प्रतिशत मामले सोशल मीडिया परमहिला थाना पश्चिम थानाधिकारी रेनू ठाकुर ने लोकल-18 को बताया कि 70 से 80 प्रतिशत घर इंस्टाग्राम, फेसबुक या फिर जो भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हैं, इससे पति और पत्नी व्यस्त हो जाते हैं. तब उनको पता नही चलता कि वह गलत दिशा में जाने लग गए हैं. पति और पत्नी के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर झगड़ा होता है और वह झगड़ा रूम से निकलकर परिवार में, परिवार से निकलकर थानों में और थानों से जाकर कोर्ट तक पहुंच जाता है. आज-कल ज्यादा लड़के यह शिकायत लेकर आते हैं कि उनकी पत्नी उनको समय नहीं दे रही है और सोशल मीडिया पर ज्यादा व्यस्त रहती है.
अब ज्वॉइंट्स परिवार नहीं, इसलिए बढ़ रहे विवादरेणू ठाकुर ने कहा कि पहले ज्वॉइंट्स परिवार हुआ करते थे, तो आपसी विवाद होते थे. वह आपस में काउंसलिंग करवा दिया करते थे, ताकि मामले परिवार में ही निपट जाए. मगर आज के समय ऐसा नहीं है, इसलिए कहना चाहूंगी कि पति-पत्नी के आपसी मनमुटाव कमरे तक रहे, कमरे से बाहर नहीं जाएं. अपने झगडों को इतना नहीं बढाएं, ताकि कानून का सहारा नहीं लेना पड़े. सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो उसका इस्तेमाल मिस यूज के लिए नहीं करें.
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सरकार द्वारा नियुक्त सेंटर करता है घर बसाने के प्रयासमहिला सुरक्षा सलाह केंद्र काउंसलर रेखा शर्मा ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का अच्छा प्रोविजन है कि एफआईआर से पहले काउंसलिंग होनी चाहिए, जिससे एफआईआर कम होती है. महिला थाना पश्चिम में रेणू ठाकुर मेडम के निर्देशन में हम भी कोशिश करते हैं कि काउंसलिंग महज से ही किसी का घर बस जाए. छोटी-छोटी बातों को लेकर गलतफमियों की वजह से घर टूटने तक होते हैं, तो उसमें हम काउंसलिंग करते हैं, जिसमें दोनो पक्षों को हम बुलाकर बातचीत करते हैं. कोशिश करते हैं कि उनका घर टूटने से बच जाए.
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FIRST PUBLISHED : December 17, 2024, 11:22 IST