Rajasthan

software engineer woman quit job took up farming | सॉफ्टवेयर इंजीनियर महिला ने नौकरी छोड़कर अपनाई खेती

तेलंगाना के आदिलाबाद की एक साफ्टवेयर इंजीनियर महिला के नौकरी छोडऩे का साहसिक फैसला सभी से सिर चढक़र बोल रहा है। इचोडा निवासी ए. साई चिन्मयी ने अपनी जड़ों की ओर लौटने के लिए हैदराबाद में बिजनेस एनालिस्ट की नौकरी छोड़ दी।

जयपुर

Published: March 07, 2022 12:14:59 am

चिन्मयी ने खरीदी दो जर्सी गायों के गोबर का उपयोग जैविक खाद के रूप में किया
चेन्नई. ऐसे समय में जब कोरोना के कारण अधिकांश लोगों की नौकरियां चली गई तथा अधिकांश लोग नौकरी पाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं तेलंगाना के आदिलाबाद की एक साफ्टवेयर इंजीनियर महिला के नौकरी छोडऩे का साहसिक फैसला सभी से सिर चढक़र बोल रहा है। इचोडा निवासी ए. साई चिन्मयी ने अपनी जड़ों की ओर लौटने के लिए हैदराबाद में बिजनेस एनालिस्ट की नौकरी छोड़ दी।
आधुनिक कृषि तकनीक के उपयोग से उन्होंने अपने पिता ए. मोहन रेड्डी के आम के बाग को एक अनूठी कृषि बानगी में बदल दिया। उनके पिता भी आम के बाग में कार्य करते रहे हैं। चिन्मयी ने बताया कि एक किसान परिवार से ताल्लुक रखने के कारण उन्हें कृषि क्षेत्र की बाधाओं के बारे में जानकारी थी।

सॉफ्टवेयर इंजीनियर महिला ने नौकरी छोड़कर अपनाई खेती

खेत की देखभाल करती चिन्मयी।

बाजार के रुझानों का अध्ययन स्थाई नौकरी छोडऩे का उनका निर्णय बहादुरीभरा था। पिता और मां सुजाता के प्रोत्साहन से चिन्मयी ने इन्टरक्रापिंग को अपनाया। एक आईटी पेशेवर के रूप में उनका स्वभाव इसमें सहायक बना। उन्होंने बाजार के रुझानों का भी अध्ययन किया ताकि मांग को पूरा कर सके। पौधों के अलावा वे चूजे, खरगोश और बत्तख भी पालती हैं। वे एक इनक्यूबेटर का उपयोग करके एक प्राकृतिक अंडे सेने की विधि का भी उपयोग करती है। चिन्मयी ने दो जर्सी गायें खरीदी हैं जिनके गोबर का उपयोग जैविक खाद के रूप में किया जाता है।

अन्य फल-फूलों के पौधे भी लगाए महामारी काल में घर से काम करने के दौरान इस पूर्व सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने आम के बगीचे में फूल, फल और औषधीय पौधे लगाए। इंटरक्रॉपिंग के रूप में पहचानी जाने वाली इस तकनीक की सिफारिश दुनिया भर के कृषि विशेषज्ञों ने की है। उन्होंने आमों के साथ-साथ हरे सेब, अमरूद, कस्टर्ड सेब और पपीते जैसे फल और गुलाब जैसे फूल भी लगाए।

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