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Last Updated:October 17, 2025, 14:24 IST
Sojat Mehndi: सोजत की मशहूर मेहंदी का रंग अब पहले से और भी गहरा होगा. 10 साल की मेहनत के बाद रिसर्च टीम ने दो अनोखे पौधों को विकसित किया. इससे रंग की गुणवत्ता और स्थायित्व में सुधार होगा. मेहंदी उद्योग और कलाकारों के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है.
पाली. शादी समारोह हो या फिर कोई तीज त्यौहार दुल्हन और महिलाओं के हाथो पर मेहंदी पहले रचाई जाती है और मेहंदी का जब भी नाम आता है तो सोजत की मेहंदी पहले याद आती जो फिल्म अभिनेत्री कैटरिना केफ से लेकर प्रियंका चौपडा और कई उद्योगपति परिवार की जुडी महिलाएं भी सोजत की प्रसिद्ध मेहंदी ही लगाना पसंद करती है. मगर अब एक खुशी की बात यह कही जा सकती है कि सोजत की मेहंदी की यह पहचान अब और भी ज्यादा गहरी होने वाली है. काजरी अनुसंधान केंद्र ने 10 वर्षों की सतत मेहनत से मेहंदी के दो ऐसे पौधे विकसित किए हैं.
जिनमें न केवल रंग अधिक गहरा है, बल्कि पत्तियों का उत्पादन भी सामान्य पौधों की तुलना में काफी अधिक है. इन पौधों में लासोन की मात्रा अधिक पाई गई है. यही वह तत्व है जो मेहंदी को रंग देता है. उनकी पत्तियों का उत्पादन भी प्रति हेक्टेयर 1200 किलो तक अधिक है.
19 तरह के पौधे लेकर किया शोध काजरी की ओर से मेहंदी का रंग अधिक गहरा करने और पत्तियों का उत्पादन बढ़ाने के लिए 19 तरह के पौधे लेकर शोध किया गया. उन सभी पौधों की पौधों की कटिंग, इवेल्यूएशन का सर्वे किया. इस पर दो पौधों में लोसन यानि मेहंदी में रंग व पत्तियां अधिक मिली. उन पौधों में फूल भी देरी से आते हैं. ऐसे में पत्तियां अधिक समय तक भी रहती हैं.
पौधों में उत्पादन सामान्य की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक अब ये पौधे काजरी की ओर से किसानों को भी दिए जा रहे हैं. पौधों पर अन्य शोध भी किए जा रहे हैं. यह शोध करने में डॉ. नूर मोहम्मद, डॉ. डीके गुप्ता, डॉ. कीर्तिका, डॉ. पीके राय व डॉ. बीएल जांगिड़ ने सहयोग किया. शोध के बाद तैयार पौधों में उत्पादन सामान्य की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक है.
जाने क्या है इसमें खास इस शोध क तहत बात करे तो सीजेड-आरएसपीएच 8 पौधा जिसमें 3594 किलो पत्तियां आती हैं प्रति हैक्टेयर, लोसन कंटेंट 2.27 प्रतिशत है. वही सीजेड-आरएसपीएच 9 पौधा जो 2270 किलो पत्तियां आती हैं प्रति हैक्टेयर, लोसन कंटेंट 2.33 प्रतिशत है. सामान्य पौधे में 1900 से 2000 किलों पत्तियां प्रति हैक्टेयर में किसान को मिलती हैं. लोसन कंटेंट 1.8 से 2 प्रतिशत है.
30-40 हजार हैक्टेयर में होती है मेहंदी काजरी अनुसंधान केन्द्र से जुडे डॉ अनिल कुमार शुक्ला की माने तो हमारी ओर से लगातार मेहंदी पर शोध किया गया. पाली जिले में करीब 35-40 हजार हैक्टेयर में मेहंदी होती है. इससे पाली जिले की पहचान है. शोध के बाद लोसन व पत्तियों में काफी इजाफा हुआ है.
Jagriti Dubey
With more than 6 years above of experience in Digital Media Journalism. Currently I am working as a Content Editor at News 18. Here, I am covering lifestyle, health, beauty, fashion, religion, career, politica…और पढ़ें
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First Published :
October 17, 2025, 14:24 IST
homerajasthan
सोजत की मेहंदी का रंग हुआ और गहरा, अनोखे पौधों की खोज से मिली सफलता