Solar Powered Village | Sikar Solar Energy Production | Renewable Energy Rajasthan | Village Producing Electricity | Solar Power Success Story

Last Updated:December 02, 2025, 13:16 IST
Sikar Solar Energy Production: सीकर जिले का यह गांव सौर ऊर्जा के दम पर रोजाना करीब 17 हजार यूनिट बिजली का उत्पादन कर रहा है. गांव के घरों, स्ट्रीट लाइट्स और किसानों की जरूरतें इसी सोलर प्लांट से पूरी हो जाती हैं. यह मॉडल न केवल ऊर्जा आत्मनिर्भरता की मिसाल है, बल्कि ग्रामीण विकास और पर्यावरण संरक्षण का बेहतरीन उदाहरण भी बन चुका है.
सीकर. राजस्थान के सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ इलाके का जाजोद गांव में हर घर में बिजली का उत्पादन होता है. यहां के लोग सरकार को बिजली बेचते हैं. इस गांव को कभी भी बिजली कटौती जैसी समस्या नहीं झेलनी पड़ती, जाजोद गांव के लोग सौर ऊर्जा के माध्यम से खुद अपने घर में बिजली बनाते हैं. हाल ही में बिजली निगम द्वारा आयोजित छह माह लंबी सोलर ऊर्जा उत्पादन प्रतियोगिता में भी इस गांव ने पहला स्थान प्राप्त किया है. एक्सईएन प्रोजेक्ट शैलेन्द्र रेवाड़ के अनुसार गांव में सौर ऊर्जा अपनाने की जागरूकता तेजी से बढ़ी है.

जाजोद गांव में अब तक 350 घरों की छतों पर सोलर प्लांट लगाए जा चुके हैं. इन प्लांट्स से प्रतिदिन लगभग 7 हजार यूनिट हरित ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है, जिससे गांव काफी हद तक बिजली निगम पर निर्भर नहीं रहा. स्थानीय लोगों में ऊर्जा आत्मनिर्भरता की यह पहल ग्रामीण विकास का एक बड़ा उदाहरण बनकर उभरी है और यह मॉडल अन्य गांवों को भी प्रेरित कर रहा है.

इसके अलावा यहां, पीएम कुसुम योजना के तहत जाजोद में दो मेगावाट क्षमता का एक बड़ा सोलर प्लांट भी स्थापित किया गया है. यह प्लांट प्रतिदिन करीब 10 हजार यूनिट बिजली पैदा कर रहा है. घरेलू छतों पर लगे प्लांट सहित पूरे गांव में रोजाना 17 हजार यूनिट बिजली का उत्पादन होता है. पूरा गांव बिजली की पूर्ति के बाद इस गांव के लोग दूसरे गांवों को भी बिजली सप्लाई करते हैं.
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जाजोद गांव के लोग घरेलू उपभोक्ता अपने सोलर प्लांट से उत्पन्न बिजली को निगम को बेचकर आर्थिक लाभ भी उठा रहे हैं. निगम ने पूर्व में प्रति यूनिट 2 रुपये 71 पैसे भुगतान किया जाता था, जिसे बढ़ाकर 3 रुपये 26 पैसे कर दिया गया है. इस बढ़ी हुई दर से उपभोक्ताओं को काफी राहत मिली है और अधिक से अधिक परिवार छतों पर सोलर लगवाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं.

जाजोद के बिजली एजेंट कमल कुमार के अनुसार गांव में लगाए जा रहे 3 किलोवाट क्षमता वाले सोलर प्लांट से उपभोक्ताओं को प्रति माह करीब 3500 रुपये तक की सीधी बचत होने लगी है. गांव के लगभग 50% से ज्यादा उपभोक्ताओं के अब जीरो बिल आने लगे हैं. यह बदलाव ग्रामीण परिवारों की आर्थिक स्थिति सुधारने में एक बड़ा कदम साबित हो रहा है. गांव के यूसुफ खां और शबनम बानो जैसे कई परिवारों ने चार महीने पहले ही 3 किलोवाट सोलर प्लांट लगवाए थे.

उन्होंने बताया कि पहले हर माह 4000 रुपये तक बिजली पर खर्च हो जाता था, लेकिन सोलर सिस्टम लगने के बाद अब उनका बिल शून्य हो गया है. जाजोद को सोलर आदर्श गांव घोषित किए जाने के बाद केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय गांव के विकास के लिए 1 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि जारी करेगा. इस फंड से गांव में आमजन से जुड़ी विभिन्न सुविधाओं का विकास किया जाएगा. पंचायत राज विभाग के बजट से अलग मिलने वाली यह रकम जाजोद को मॉडल गांव में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और भविष्य में इसे सौर ऊर्जा हब के रूप में स्थापित कर सकती है.
First Published :
December 02, 2025, 13:16 IST
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भारत का पहला ‘सोलर विलेज’? सीकर के इस गांव की कहानी देख दुनिया भी रह गई हैरान



