‘कभी-कभी अतीत को याद रखना जरूरी’, गौतम गंभीर के सीने में अब भी है उस हार का दर्द, टीम इंडिया का हुआ था बंटाधार

Last Updated:October 11, 2025, 23:14 IST
गौतम गंभीर का कोच के तौर पर करियर अबतक शानदार रहा है. वो भारत को आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप जिता चुके हैं. भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम के सीने में अभी भी एक दर्द है, जो वो भूल नहीं सकते हैं. हम बात कर रहे हैं भारत की धरती पर न्यूजीलैंड से टेस्ट सीरीज में 0-3 से करारी हार की. गौतम गंभीर ने खुलकर अपनी बात कही.
नई दिल्ली. गौतम गंभीर ने कोच बनने के बाद भारत को दो बड़ी सीरीज में जीत दिलाई. सबसे पहले चैंपियंस ट्रॉफी और उसके बाद एशिया कप. ऐसे में कोच के तौर पर उन्होंने टीम इंडिया पर अपनी मजबूत पकड़ भी बना ली है. हालांकि अब भी एक ऐसी चीज है, जो गंभीर को भुलाए नहीं भूलती और वो है भारतीय सरजमीं पर न्यूजीलैंड से टेस्ट सीरीज में 0-3 से मिली करारी हार. यह पहला मौका था जब न्यूजीलैंड की टीम भारत की धरती पर भारत को टेस्ट सीरीज में मात दे पाई थी. इस शर्मनाक हार के कारण ही भारत वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल की दौड़ से बाहर हो गया था.
न्यूजीलैड से टेस्ट सीरीज हार का दर्द
भारत-वेस्टइंडीज टेस्ट सीरीज के बीच आकाश चोपड़ा से बातचीत के दौरान गौतम गंभीर ने इसपर कहा यह उनके कोचिंग करियर का एक ऐसा किस्सा है जिसे वह जीवन भर अपने साथ रखेंगे. “मुझे नहीं लगता कि मैं अपने कोचिंग करियर में इसे कभी भूल पाऊंगा और मुझे इसे भूलना भी नहीं चाहिए. मैंने यह बात खिलाड़ियों से भी कही है. आगे देखना जरूरी है. लेकिन कभी-कभी अतीत को याद रखना भी जरूरी होता है. क्योंकि अगर आप अतीत को भूल जाते हैं तो आप चीजों को हल्के में लेने लगते हैं. आपको कभी भी किसी चीज को हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि मुझे और हर कोई यह सोचता था कि हम न्यूजीलैंड को हरा सकते हैं. लेकिन यही हकीकत है और यही खेल है.”
विदेशों में भी डालनी होगी जीत की आदतशुभमन गिन ने कहा अगर कोई टीम वास्तव में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप विजेता बनने की ख्वाहिश रखती है तो उसे न केवल घरेलू मैदान पर बल्कि विदेशी धरती पर भी दबदबा बनाना होगा. कोच ने कहा, “इससे कोई फर्क पहीं पड़ता कि आप दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम बनना चाहते हैं या नहीं. मुझे नहीं लगता कि सिर्फ घरेलू मैदान पर दबदबा बनाना ही महत्वपूर्ण है. घर से बाहर दबदबा बनाना भी उतना ही जरूरी है. इस युवा टीम ने यही समझदारी दिखाई है. इंग्लैंड शायद हमारे लिए सबसे कठिन परीक्षा थी. एक युवा अनुभवहीन टीम ने इंग्लैंड जाकर जिस तरह का प्रदर्शन कर रही थी, वह काबिले तारीफ़ है.”
शुभमन गिल ने इंग्लैंड में खुद को साबित कियागौतम गंभीर ने आगे कहा, ” जिस तरह से उन्होंने (भारतीय क्रिकेट टीम) ने हर दिन संघर्ष किया वह मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण था. मैं इस बात में ज्यादा यकीन नहीं रखता कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के लिए क्वालीफाई करने के लिए हमें घरेलू मैदान पर दबदबा बनाने की जरूरत है. क्योंकि अगर आप सिर्फ घरेलू मैदान पर ही दबदबा बना रहे हैं तो आप विश्व टेस्ट चैंपियनशिप जीतने के लायक नहीं हैं.
Sandeep Gupta
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और…और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और… और पढ़ें
First Published :
October 11, 2025, 23:10 IST
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‘कभी-कभी अतीत को याद रखना जरूरी’, गंभीर के सीने में अब भी है उस हार का दर्द