जल्द तंबाकू के पौधे से निकलेगा ब्रेस्ट मिल्क जैसा दूध ! वैज्ञानिकों ने किया बड़ा कारनामा, जानकर उड़ जाएंगे होश
Breast Milk Nutrient in Tobacco Plant: बच्चों के पैदा होने के 6 महीने तक मां का दूध पिलाने की सलाह दी जाती है. ब्रेस्ट मिल्क को बच्चों के लिए अमृत समान माना जाता है. हालांकि कई महिलाओं का ब्रेस्ट मिल्क पर्याप्त मात्रा में नहीं बन पाता है और उन्हें मजबूरी में बच्चों को इंफेन्ट फॉर्मूला पिलाना पड़ता है. बच्चों को फॉर्मूला पिलाने वाली महिलाओं के लिए खुशखबरी है. वैज्ञानिक तंबाकू की प्रजाति के एक पौधे को जेनेटिक तरीके से मोडिफाई करके उसमें से ब्रेस्ट मिल्क में पाए जाने वाले पोषक तत्व मिलने का दावा किया है. इससे बच्चों को फॉर्मूला में भी ब्रेस्ट मिल्क जैसे पोषक तत्व मिल पाएंगे.
TOI की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं ने तंबाकू की प्रजाति के पौधे को आनुवंशिक रूप से मोडिफाई करके ब्रेस्ट मिल्क में मिलने वाले पोषक तत्व उत्पन्न किए हैं. ये पोषक तत्व बच्चों की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकते हैं. इस रिसर्च से उम्मीद जगी है कि इंफेन्ट फॉर्मूला को इन पोषक तत्वों से ब्रेस्ट मिल्क जैसा बनाया जा सकता है. इससे बच्चों को बिना ब्रेस्ट मिल्क के भी मां के दूध जैसे पोषक तत्व मिल पाएंगे और उनकी सेहत बेहतर होगी. ब्रेस्ट मिल्क में पाए जाने वाले कुछ तत्वों को बच्चों के इम्यून सिस्टम के लिए जरूरी माना जाता है.
इस रिसर्च के ऑथर डॉ. पैट्रिक शिह और उनकी रिसर्च टीम ने निकोटियाना बेंथमियाना नामक पौधे को पहले जेनेटिकली मोडिफाई किया और फिर इससे ह्यूमन मिल्क ऑलिगोसेकेराइड (HMOs) को प्रोड्यूस करने का कारनामा किया है. ह्यूमन मिल्क ऑलिगोसेकेराइड्स ब्रेस्ट मिल्क में पाए जाने वाले कॉम्प्लेक्स शुगर हैं जो हेल्दी गट बैक्टीरिया को बढ़ावा देने और शिशुओं में प्रतिरक्षा प्रणाली को सपोर्ट करने में अपनी भूमिका के लिए जाने जाते हैं. ये शुगर ब्रेस्ट मिल्क में प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले तीसरे ठोस घटक है, जो बच्चों को संक्रमण से बचाते हैं और सेहत सुधारने में मदद करते हैं.
रिसर्च करने वाले मुख्य शोधकर्ता डॉ. पैट्रिक शिह का कहना है कि वे इस प्लांट के जरिए सभी जरूरी HMOs को प्रोड्यूस करने की कोशिश में जुटे हुए हैं, ताकि इसे सीधे पीसकर बच्चों के फॉर्मूला में मिलाया जा सके. नेचुरल ब्रेस्ट मिल्क में करीब 200 HMOs होते हैं, जो शिशुओं की सेहत को सुधारते हैं. जबकि वर्तमान में मिलने वाले अधिकतर फॉर्मूला में HMOs की मात्रा बेहद कम होती है या बिल्कुल नहीं होती है. इससे बच्चों की सेहत पर सीधे असर पड़ता है. शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि भविष्य में जेनेटिकली मोडिफाइड पौधे से कई तरह के HMOs मिल सकते हैं, जो बच्चों के लिए फायदेमंद साबित होंगे.
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FIRST PUBLISHED : June 18, 2024, 15:59 IST