Soumya gurjar from supreme court stay on suspension ashok gehlot | कैसे गहलोत सरकार पर भारी पड़ी सौम्या, दोबारा मेयर बनी तो पता चलेगा कौन साथी… कौन दगाबाज

सरकार का दावा : 60 दिन में न्यायिक जांच नहीं, इसलिए सौम्या को स्टे, सात माह बाद फिर से महापौर की कुर्सी संभालेंगी सौम्या, मंदिरों में जाकर लगाई धोक, पार्षद व अन्य भाजपाइयों पहुंचे उनके घर
जयपुर
Published: February 01, 2022 10:56:36 pm
अश्विनी भदौरिया / जयपुर। सौम्या गुर्जर निलंबन के मामले में राज्य सरकार को तब बड़ा झटका लगा जब सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के आदेश पर स्टे दे दिया। सात महीने बाद ग्रेटर निगम महापौर की कुर्सी पर एक बार फिर सौम्या गुर्जर बैठेंगी। हालांकि, अभी यह तय नहीं है कि सौम्या महापौर की कुर्सी कब संभालेंगी।

भाजपा इसे सरकार के खिलाफ पहली जीत मानकर चल रही है। फैसला आने के बाद सौम्या के घर पर पार्षदों से लेकर अन्य भाजपाइयों के आने का सिलसिला शुरू हो गया। सौम्या ने मंदिरों में जाकर धोक लगाई।
उधर, कोर्ट स्टे के बाद सरकार फिर सक्रिय हो गई। अब सौम्या के खिलाफ चल रही न्यायिक जांच पर फोकस कर दिया है। इस जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकार आगे बढ़ेगी। स्वायत्त शासन विभाग के अफसरों का दावा है कि न्यायिक जांच साठ दिन में पूरी नहीं हुई, मुख्य रूप से इसी कारण कोर्ट ने स्टे दिया है। हालांकि, अफसर कोर्ट आदेश का पूरा अध्ययन करने की बात कहते रहे।
विवाद बढ़ेगा, टकराव की स्थिति बनी रहेगी -सौम्या गुर्जर वापसी से आयुक्त-महापौर में विवाद होना तय है। क्योंकि आयुक्त की भूमिका की वजह से ही सौम्या का निलंबन हुआ था। -पार्षद भी आयुक्त की कार्यशैली से नाराज हैं। अभी तक कार्यवाहक महापौर शील धाभाई इन पार्षदों पर ध्यान नहीं दे रही थीं। लेकिन सौम्या के आने के बाद ये पार्षद लामबंद होंगे और आयुक्त के खिलाफ नाराजगी बढ़ेगी।
-बीवीजी कंपनी के भविष्य का फैसला भी होगा। क्योंकि महापौर रहते हुए सौम्या गुर्जर ने ही बीवीजी को बाहर करने की बात कही थी। उस समय अधिकारियों ने कोर्ट का रास्ता दिखवाया था। दो पक्षों में बंट चुके हैं पार्षद
-सात माह से कार्यवाहक महापौर का कामकाज शील धाभाई देख रही हैं। वे भाजपा की पार्षद हैं और सरकार ने उन्हें महापौर बनाया। उनके साथ कई पार्षद हैं। साथ ही सौम्या गुट के कई पार्षद उनके निलबंन के बाद महापौर के कमरे में नहीं गए।
सीट संभालने के लिए अनुमति की बंदिश नहीं सौम्या गुर्जर को महापौर पद की जिम्मेदारी संभालने के लिए सरकार की अनुमति की बंदिश नहीं है। नगरपालिका अधिनियम की धारा 50 के तहत पदभार संभालने के बाद उसकी सूचना सरकार को भेजी जा सकती है। हालांकि, विभाग ने निलंबन किया था, इसलिए औपचारिकता के लिए सूचना देना आवश्यक होगा।
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