South Korea Hyunmoo-5 Missile: दक्षिण कोरिया ने लॉन्च की ‘मॉन्स्टर मिसाइल’ ह्यूनमू-5, 36 टन का हथियार मचाएगा तबाही, अब क्या करेंगे किम जोंग!

Agency:एजेंसियां
Last Updated:October 28, 2025, 03:31 IST
South Korea Hyunmoo-5 Missile: दक्षिण कोरिया ने लॉन्च की 36 टन वजनी ‘ह्यूनमू-5’ मॉन्स्टर मिसाइल. उत्तर कोरिया के बंकरों को मिनटों में तबाह करने की क्षमता. 2025 तक होगी तैनात, सियोल ने दी किम जोंग को चेतावनी.
दक्षिण कोरिया ने पेश की 36 टन वजनी ‘ह्यूनमू-5’ मॉन्स्टर मिसाइल. (फोटो Reuters)
सियोल: उत्तर कोरिया के बढ़ते परमाणु और मिसाइल खतरे के बीच दक्षिण कोरिया ने अपनी सबसे शक्तिशाली बैलिस्टिक मिसाइल ‘ह्यूनमू-5’ (Hyunmoo-5) को पेश कर पूरी दुनिया को चौंका दिया है. इसे “मॉन्स्टर मिसाइल” कहा जा रहा है क्योंकि इसका आकार, क्षमता और मारक शक्ति किसी भी सामान्य मिसाइल से कई गुना अधिक है.
दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री आन ग्यू-बैक ने घोषणा की कि इस मिसाइल का मास प्रोडक्शन (सामूहिक उत्पादन) शुरू हो चुका है और इसे 2025 के अंत तक तैनात कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह कदम सियोल की रणनीति का हिस्सा है, जिसका मकसद उत्तर कोरिया की परमाणु धमकियों का “बैलेंस ऑफ टेरर” (Balance of Terror) के जरिए जवाब देना है.
36 टन वजन और 16 मीटर लंबाई- धरती से आसमान तक ‘ह्यूनमू-5’ह्यूनमू-5 एक ग्राउंड-टू-ग्राउंड रोड-मोबाइल बैलिस्टिक मिसाइल है, यानी इसे सड़क से कहीं भी लॉन्च किया जा सकता है. इसका वजन लगभग 36 टन और लंबाई 16 मीटर है. इस मिसाइल को खास तौर पर डीप पेनिट्रेशन और बंकर-बस्टिंग मिशन के लिए डिजाइन किया गया है, इससे यह उत्तर कोरिया के भूमिगत ठिकानों और मिसाइल लॉन्च साइट्स को नष्ट करने में सक्षम है. इसकी 8 टन तक की पेलोड क्षमता इसे बेहद विनाशकारी बनाती है. इसका ऑपरेशनल रेंज लगभग 600 किलोमीटर तक है, जो हल्के वॉरहेड्स के साथ और भी बढ़ जाती है.
“न्यूक्लियर नहीं, पर उतनी ही ताकतवर”- सियोल का संदेशरक्षा मंत्री आन ग्यू-बैक ने कहा कि यह मिसाइल सिस्टम दक्षिण कोरिया के लिए “नॉन-न्यूक्लियर डिटरेंस” की रीढ़ साबित होगा. उनका कहना था, “अगर उत्तर कोरिया परमाणु हथियार दिखाकर डराने की कोशिश करता है, तो हम पारंपरिक हथियारों से उतना ही मजबूत जवाब देंगे.”
ह्यूनमू-5 मिसाइल दक्षिण कोरिया की दो प्रमुख सैन्य योजनाओं “किल चेन” (Kill Chain) और “कोरिया मैसिव पनिशमेंट एंड रिटालिएशन” (KMPR) का अहम हिस्सा है. इन योजनाओं के तहत किसी भी आक्रामक स्थिति में उत्तर कोरियाई नेतृत्व और उनके हथियार ठिकानों को तुरंत निशाना बनाया जा सकता है.
अमेरिका की मिसाइल लिमिट हटने के बाद संभव हुआ विकास
इस “मॉन्स्टर मिसाइल” का विकास तब संभव हुआ जब 2017 में अमेरिका ने दक्षिण कोरिया पर लगे मिसाइल पेलोड प्रतिबंध हटा दिए थे. उसके बाद सियोल ने अपनी मिसाइल तकनीक में जबरदस्त प्रगति की और अब वह एशिया की अग्रणी मिसाइल शक्तियों में गिना जा रहा है. रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, ह्यूनमू-5 दक्षिण कोरिया को न सिर्फ क्षेत्रीय सुरक्षा में आत्मनिर्भर बनाएगा बल्कि उसे “स्ट्रैटेजिक डिफेंस इंडिपेंडेंस” की नई ऊंचाई पर ले जाएगा.
किम जोंग के लिए नई चुनौतीविशेषज्ञों का कहना है कि यह मिसाइल उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के लिए गंभीर रणनीतिक चुनौती बन सकती है. अब सियोल के पास ऐसी ताकत है जो किसी भी परमाणु ठिकाने या कमांड सेंटर को मिनटों में तबाह कर सकती है. विश्लेषकों का मानना है कि “ह्यूनमू-5” की तैनाती से पूर्वी एशिया में शक्ति संतुलन बदल सकता है और अब किम जोंग को अपने हर कदम पर दो बार सोचना होगा.
Sumit Kumar
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master’s degree in Journalism. Before working in Hindi, …और पढ़ें
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master’s degree in Journalism. Before working in Hindi, … और पढ़ें
First Published :
October 28, 2025, 03:31 IST
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दक्षिण कोरिया ने लॉन्च की 36 टन की ‘मॉन्स्टर मिसाइल’ ह्यूनमू-5, किम जोंग सन्न



