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South Vs Bollywood: ‘हिंदी का विरोध लेकिन…’ पवन कल्याण के अटैक पर प्रकाश राज का दो टूक जवाब

Last Updated:March 15, 2025, 16:37 IST

Pawan Kalyan Language War: पवन कल्याण ने हिंदी विरोधी नेताओं की आलोचना की और सभी भाषाओं को अपनाने की बात कही, लेकिन प्रकाश राज ने दिग्गज नेता एमके स्टालिन को सपोर्ट करते हुए पवन कल्याण के अटैक का करारा जवाब दिय…और पढ़ें'हिंदी का विरोध लेकिन...' पवन कल्याण के अटैक पर प्रकाश राज का दो टूक जवाब

हिंदी भाषा पर विवाद बढ़ता जा रहा है.

हाइलाइट्स

पवन कल्याण ने हिंदी विरोधी नेताओं की आलोचना की.प्रकाश राज ने मातृभाषा पर गर्व करने की बात कही.बीजेपी ने पवन कल्याण के बयान का समर्थन किया.

नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम और जनसेना पार्टी के हेड पवन कल्याण ने बीजेपी को सपोर्ट किया है और तमिलनाडु के उन नेताओं की आलोचना की है जो हिंदी का विरोध करते हैं, लेकिन अपनी फिल्मों को हिंदी में डब करवा के पैसे कमाते हैं. पवन कल्याण का ये बयान ऐसे समय आया है जब एमके स्टालिन की तमिलनाडु सरकार और केंद्र के बीच भाषा को लेकर खूब बवाल मचा हुआ है. बीजेपी नेताओं ने पवन कल्याण के बयान का सपोर्ट किया, लेकिन दिग्गज एक्टर प्रकाश राज ने अपने ताजा बयान से विवाद को नई दिशा दे दी है.

डीएमके का आरोप है कि केंद्र सरकार नई शिक्षा नीति के जरिए हिंदी भाषा थोपना चाहती है. एक्टर से नेता बने पवन कल्याण ने शुक्रवार 14 मार्च को अपनी पार्टी के 11वें स्थापना दिवस पर कहा कि देश की एकता बनाए रखने और लोगों में प्यार और भाईचारा बढ़ाने के लिए हमें सभी भाषाओं को अपनाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘भारत को तमिल समेत सभी भाषाओं की जरूरत है, सिर्फ दो भाषाओं की नहीं.’ डीएमके सरकार पर निशाना साधते हुए कल्याण ने कहा, ‘मुझे समझ नहीं आता कुछ लोग संस्कृत की बुराई क्यों करते हैं. तमिलनाडु के नेता हिंदी का विरोध क्यों करते हैं, जबकि वो अपनी फिल्मों को हिंदी में डब करवा के पैसे कमाते हैं? बॉलीवुड से पैसा चाहिए लेकिन हिंदी मंजूर नहीं – ये कैसी बात हुई?’

पवन कल्याण आबादी पर की डिबेट की मांगपवन कल्याण ने इस दौरान जनसंख्या नियंत्रण पर बहस की मांग भी की. उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं को डर है कि इससे लोकसभा में उनके सांसदों की सीटें कम हो जाएंगी. खुद को सनातन धर्म का सपोर्टर बताते हुए कल्याण ने कहा कि उनकी पार्टी कई चुनौतियों के बावजूद आगे बढ़ रही है. बीजेपी ने कल्याण के बयानों का स्वागत किया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने X पर लिखा, ‘किसी को भी, जिसमें स्टालिन के चमचे भी शामिल हैं, भारतीयों को बांटने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए. ये लोग अपनी घटिया राजनीति से लोगों का ध्यान असली मुद्दों से भटकाना चाहते हैं. पिछले 5 साल में डीएमके ने लोगों के लिए क्या किया? कुछ नहीं.’

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(फोटो साभार: X@RajeevRC_X)

‘फ्रेंच-जर्मन सिखा सकते हैं लेकिन हिंदी नहीं’प्रकाश राज ने एक्स पर कमेंट करके पवन कल्याण को जवाब देते हुए कहा कि अपनी भाषा को बचाने की बात नफरत फैलाना नहीं है. अपनी मातृभाषा पर गर्व तो हर किसी को करना चाहिए. पवन कल्याण को यह बात समझनी चाहिए. बीजेपी नेता रचना रेड्डी ने कहा कि पवन कल्याण ने साफ कर दिया है कि बच्चों के विकास के लिए कई भाषाओं की जरूरत होती है. तमिलनाडु को ऐसा क्या डर है जो बाकी राज्यों को नहीं है? हमारे स्कूलों में हमेशा से तीन भाषाओं की पढ़ाई होती रही है. तमिलनाडु के लोग अपने बच्चों को फ्रेंच और जर्मन जैसी विदेशी भाषाएं तो सिखा सकते हैं लेकिन हिंदी नहीं? क्या उन्हें लगता है कि वो किसी और देश में रहते हैं?’

बीजेपी नेता का पलटवारबीजेपी नेता विक्रम रंधावा ने कहा कि हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा है और सरकार ये पक्का करने में जुटी है कि ये भाषा सभी तक पहुंचे. उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्य से पुरानी सरकारों ने हमेशा राष्ट्रवाद को दबाने की कोशिश की है. दक्षिण में भी हिंदी को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. दक्षिण भारत के लोग हिंदी फिल्मों को डब करवा के करोड़ों कमाते हैं, लेकिन जब हिंदी बोलने या सिखाने की बात आती है तो उन्हें दिक्कत होती है.’

First Published :

March 15, 2025, 16:37 IST

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