Sowing of cumin seeds weak, production decreased by 40 percent | cumin crop: जीरे की बिजाई कमजोर, उत्पादन 40 फीसदी घटा
किसानों का रबी फसलों ( Rabi crops ) का ट्रेंड अब बदल रहा है। आमतौर पर किसान जीरे की बुवाई ( cumin sowing ) में रूचि ज्यादा लेते हैं, लेकिन इस बार ईसबगोल को प्राथमिकता दी है। यही वजह है कि इस साल जीरे के उत्पादन में भारी गिरावट दर्ज किया जा रहा है।
जयपुर
Published: April 26, 2022 10:14:40 am
किसानों का रबी फसलों का ट्रेंड अब बदल रहा है। आमतौर पर किसान जीरे की बुवाई में रूचि ज्यादा लेते हैं, लेकिन इस बार ईसबगोल को प्राथमिकता दी है। यही वजह है कि इस साल जीरे के उत्पादन में भारी गिरावट दर्ज किया जा रहा है। राजस्थान में पिछले साल 7.70 लाख हेक्टयर में जीरे की बिजाई हुई थी, जो इस साल घटकर 507330 हेक्टेयर में रह गई है। मसाला व्यापारी रामअवतार अग्रवाल ने बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस साल राजस्थान में करीब 66 प्रतिशत बिजाई कम हुई है। इसी तरह गुजरात में भी पिछले साल 4.73 लाख हेक्टयर में जीरे की बिजाई हुई थी, जो इस साल घटकर 2.74 लाख हेक्टेयर में रह गई है। पिछले साल के मुकाबले इस साल गुजरात में भी करीब 58 प्रतिशत बिजाई कम हुई है। अग्रवाल ने बताया कि कमजोर बिजाई के कारण इस साल जीरे का उत्पादन 54.7 लाख बोरी होने का अनुमान है, जोकि पिछले साल के मुकाबले 40 फीसदी कम है। पिछले साल देश में जीरे का उत्पादन 87 लाख बोरी के करीब था।
cumin crop: जीरे की बिजाई कमजोर, उत्पादन 40 फीसदी घटा
मंदी से घटा जीरे के प्रति रूझान
रबी की सीजन में जीरे की रिकॉर्ड तोड़ बुवाई होती है। कोरोनाकाल की वजह से जीरे के भाव कम हो गए। अंतरराष्ट्रीय बाजार में डिमांड नहीं होने के कारण भाव लगातार गिरते गए। इस दौरान 10 से 12 हजार रुपए प्रति क्विंटल के भाव से जीरा किसानों को बेचना पड़ा था। इस स्थिति में किसानों ने इस सीजन में ईसबगोल व अन्य फसलों की बुवाई की है। यानी जीरे की गत साल के मुकाबले 66 फीसदी बुवाई कम हुई है।
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