13000KM की रफ्तार, 15 मिनट में टारगेट खत्म, पुतिन का जंगी प्लान! अपनी धरती पर ‘बोने’ जा रहे खतरनाक हथियारों की ‘फसल’

नई दिल्ली: यूक्रेन और रूस के बीच जंग जारी है. दोनों देश रह-रहकर एक दूसरे पर हमला कर रहे हैं. हालांकि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के नए राष्ट्रपति चुने जाने के बाद उम्मीद जगी थी कि रूस और यूक्रेन जंग का हल निकलेगा. लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार (22 नवंबर) को दावा किया कि रूस की हाइपरसोनिक ओरेशनिक मिसाइल, जिसे गुरुवार को यूक्रेन पर दागा गया था, को ट्रैक करके मार गिराया नहीं जा सकता. उन्होंने मिसाइल के सीरियल उत्पादन की शुरुआत का भी आदेश दिया है. उनके इस आदेश से साफ लग रहा है कि वह यूक्रेन को खत्म करने के ही मूड में हैं.
पुतिन ने कहा है कि “मैं यह भी कहना चाहूंगा कि आज दुनिया में ऐसी मिसाइल का कोई जवाबी उपाय नहीं है, इसे रोकने का कोई साधन नहीं है. और मैं एक बार फिर इस बात पर जोर दूंगा कि हम इस लेटेस्ट सिस्टम का टेस्ट जारी रखेंगे. इसका सीरियल उत्पादन स्थापित करना आवश्यक है.” अपने सैन्य प्रमुखों के साथ टेलीविजन पर हुई बैठक के दौरान रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि देश को मिसाइल का सीरियल उत्पादन शुरू करने की ज़रूरत है. पुतिन ने कहा, “यह फ़ैसला… प्रभावी रूप से लिया जा चुका है.”
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यूक्रेन के लिए कितना खतरनाक है पुतिन का यह हथियारइस बीच, यूक्रेन द्वारा की गई जांच से पता चला है कि यूक्रेनी शहर द्निप्रो पर हमला करने वाली हाइपरसोनिक मिसाइल की हाईएस्ट स्पीड 13,000 किमी/घंटा थी. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मिसाइल को टारगेट (यूक्रेनी सैन्य सुविधा) तक पहुंचने में केवल 15 मिनट लगे. यूक्रेन की सेना के मुख्य खुफिया निदेशालय (HUR) ने खुलासा किया, “अस्त्रखान क्षेत्र में लॉन्च होने के क्षण से लेकर द्निप्रो शहर में इसके प्रभाव तक इस रूसी मिसाइल का उड़ान समय 15 मिनट था. मिसाइल छह वारहेड से लैस थी: प्रत्येक में छह सबम्यूनिशन लगे थे. प्रक्षेप पथ के अंतिम भाग में गति मैक 11 से अधिक थी.”
पुतिन ने अपने बयान में आगे कहा कि यह हथियार मैक 10 या 2.5-3 किमी प्रति सेकंड (ध्वनि की गति से 10 गुना) की गति से ट्रैवल करता है, उन्होंने कहा कि “इस हथियार का मुकाबला करने का कोई तरीका नहीं है”. उन्होंने कहा कि मिसाइलों और अन्य हथियारों के निर्माण के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले द्निप्रो में एक प्रमुख सैन्य-औद्योगिक स्थल पर हमला किया गया था. उन्होंने हमले को एक परीक्षण के रूप में बताया जो “सफल” था क्योंकि “टारगेट तक पहुंचा गया था”.
क्यों मिसाइल की स्पीड महत्वपूर्ण?यदि रूसी राष्ट्रपति की बातें सही हैं तो मिसाइल हाइपरसोनिक की परिभाषा से भी थोड़ी ऊपर है. स्पीड महत्वपूर्ण है क्योंकि मिसाइल जितनी स्पीड से ट्रैवल करती है, उतनी ही स्पीड से टारगेट तक पहुंचती है. यह जितनी तेज़ी से टारगेट तक पहुंचती है, बचाव करने वाली सेना को प्रतिक्रिया करने के लिए उतना ही कम समय मिलता है. इसलिए पुतिन ने इस नए प्रकार की मिसाइल की घोषणा करते समय इसकी गति पर जोर दिया है.
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FIRST PUBLISHED : November 23, 2024, 07:10 IST