spicy kachori of Bhilwara unique taste of kachori does not spoil for 10 days people are crazy about its taste
भीलवाड़ा. आमतौर पर कचौड़ी के स्वाद का हर कोई दीवाना होता है और आपने भी कई प्रकार की कचौड़ी देखी होगी, जिसे कभी मीठी तो कभी खट्टी चटनी के साथ परोसा जाता है. आज हम आपको भीलवाड़ा के एक ऐसे ही कचौड़ी के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपने आप में बेहद खास और अलग है. भीलवाड़ा में बनने वाले इस कचौड़ी का स्वाद तीखी है. इसको खाने के साथ ही आंख से आंसू निकलना शुरू हो जाएगा.
इसके बावजूद कचौड़ी के स्वाद का लोग दीवाने हैं. भीलवाड़ा में पप्पू की कचौड़ी किसी परिचय के मोहताज नहीं है. इसका क्रेज 34 वर्षो से बरकरार है. इस कचौड़ी का स्वाद चखने के लिए आपको भीलवाड़ा के जवाहर नगर आना होगा.
1990 से तीखी कचौड़ी बना रहे हैं पप्पू
1990 से शुरुआत हुई पप्पू की कचौड़ी की खासियत यह है कि यह स्वाद में काफी तीखी और वजन में भारी होता है. भीलवाड़ा की इस कचौड़ी का स्वाद ऑस्ट्रेलिया, पेरिस के साथ ही मुंबई सहित देश के अलग-अलग कोनों तक पहुंच गया है. पप्पू ने लोकल 18 को बताया कि कचौड़ी बनाने का काम 1990 से कर रहे हैं. शुरुआती दौर में जब भी बारिश का मौसम आता था, तब कचौड़ी का ठेला लगा लेता था. लोगों को कचौड़ी का स्वाद इतना पसंद आया कि सालोभर इस आइटम को बनाने का काम करने लगे. शुरुआती दौर में कचौड़ी की कीमत 50 पैसे थी. बदलते समय के साथ रेट में भी बदलाव आया. लेकिन, एक चीज में बदलाव नहीं आया वह इसका स्वाद है. कचौड़ी को बनाने का तरीका भी पारंपरिक तरीके से ही चलता आ रहा है.
10 दिन तक खराब नहीं होती कचौड़ी
पप्पू ने बताया कि यहां मिलने वाली कचौड़ी की खासियत यह है कि यह स्वाद में तीखी होती है जो भीलवाड़ा ही नहीं पूरे राजस्थान में कहीं नहीं मिलती है. इसके साथ ही कचौड़ी का वजन भी साधारण कचौड़ी के मुकाबले कुछ मात्रा में ज्यादा होता है, क्योंकि इसमें मसाला ज्यादा भरा जाता है. यही नहीं, इस कचौड़ी की एक और खासियत यह है कि 10 दिन तक खराब नहीं होती है. यहां से ग्राहक आस्ट्रेलिया, पेरिस और मुंबई तक कचौड़ी लेकर ले जाते हैं. साथ ही दूर-दराज से आने वाले ग्राहक कचौड़ी का मसाला ठंडा कर ले जाते हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 6, 2024, 15:07 IST