Squabble Over Fees – Squabble over fees- फिर सड़क पर उतरेंगे अभिभावक

Squabble over fees-सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना सुनिश्चित करने की मांग को लेकर अभिभावक एक बार फिर सड़कों पर उतरने की योजना बना रहे हैं। बुधवार को एक बार फिर अभिभावक सड़क पर उतरेंगे और अपनी मांगों को लेकर शहर के एक स्कूल के बाहर प्रदर्शन करेंगे।

आरोप: सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना नहीं कर रहे स्कूल
जयपुर। निजी स्कूलों की फीस को लेकर चल रहा फसाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है एक तरफ अभिभावक हैं जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश और फीस एक्ट 2016 को लागू करने की मांग लगातार कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ निजी स्कूल संचालक हैं जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या कर अभिभावकों को गुमराह कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना सुनिश्चित करने की मांग को लेकर अभिभावक एक बार फिर सड़कों पर उतरने की योजना बना रहे हैं। बुधवार को एक बार फिर अभिभावक सड़क पर उतरेंगे और अपनी मांगों को लेकर शहर के एक स्कूल के बाहर प्रदर्शन करेंगे।
संघ से जुड़े स्कूल के अभिभावक यश जैसवानी ने बताया कि स्कूल मनमाने तरीके से फीस जमा करवाने का दबाब बना रहे हैं और बच्चों की क्लास बंद कर रहे हैं। अभिभावक स्कूल की फीस जमा करवाना चाहते हैं किंतु स्कूल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार फीस की जानकारी नहीं दे रहे।
संघ के मामलात मंत्री एडवोकेट अमित छंगाणी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश और फीस एक्ट 2016 हर अभिभावक का अधिकार है। स्कूलों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना करनी ही होगी।
शिक्षा मंत्री अपनी जिम्मेदारी छोड़ चुनावों में भागे
संघ ने एक के बाद एक सरकारी स्कूलों में शिक्षकों द्वारा शर्मसार करने वाली हरकतों पर तंज कसते हुए कहा कि शिक्षा मंत्री अपनी जिम्मेदारी छोड़ चुनावों में भाग रहे हैं। सरकारी स्कूलों में बच्चियों की अस्मिता खुलेआम लूटी जा रही है। शिक्षा मन्दिरो को शर्मसार किया जा रहा है। ऐसे में वह किस मुंह से जनता से वोट मांगने जा रहे हैं। संघ के जयपुर जिला अध्यक्ष युवराज हसीजा ने कहा कि शिक्षा मंत्री कुछ दिनों पहले सरकारी स्कूलों में व्यवस्था को लेकर ढींगे हाक रहे थे, अब जब प्रदेशभर से सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की करतूत सामने आ रही है त उनकी बोलती बंद पड़ी है। स्कूलों में ही जब बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं तो प्रदेश की सुरक्षा क्या होगी। बच्चियों के साथ हो रही हैवानियत पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को खुद संज्ञान लेना चाहिए और जिम्मेदारों पर कठोर कार्यवाही करते हुए प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था बनाने में असफल अहंकारी शिक्षा मंत्री को तत्काल पद से बर्खास्त करना चाहिए।