इस मंदिर में होंगे सात बहनों की प्रतिमा के दर्शन, पहाड़ों वाली इंदरगढ़ माता से जुड़े हुए हैं मान्यता के तार..जानें रहस्य

करौली. राजस्थान में जमीन से हजारों फीट की ऊंचाई पर विराजमान और अरावली पर्वत मालाओं के बीचों-बीच प्रकट होने वाली, इंदरगढ़ वाली बिजासन माता के मंदिर से तो अधिकांश लोग वाकिफ है. इनके चमत्कारी दरबार तक पहुंचने के लिए भक्तों को 750 से ज्यादा सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं. लेकिन पहाड़ों के ऊपर विराजने वाली इंदरगढ़ वाली बीजासन माता का एक और मंदिर पहाड़ों के नीचे भी बना हुआ है. इस मंदिर को लोग सातों-बहना का मंदिर कहते है. हजारों साल पुराने इस मंदिर के निर्माण के पीछे एक मान्यता छुपी हुई है कि जो भक्त इंदरगढ़ वाली बिजासन माता के ऊपर वाले मंदिर में नहीं पहुंच पाते है. ऐसे लोग इस नीचे स्थापित किए गए मंदिर में दर्शन कर माता का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं.
इस मंदिर की खासियत इंदरगढ़ वाली बिजासन माता के ऊपर वाले स्थान से भी खास है. इसमें बिजासन माता की प्रतिमा बीचों-बीच और माताजी के दाएं-बाएं स्थान पर दोनों तरफ तीन-तीन माताएं और भी विराजमान है. इसलिए इस मंदिर को सातों बहना का मंदिर कहा जाता है. मंदिर के पुजारी बाबू लाल योगी का कहना है कि इंदरगढ़ वाली बिजासन माता का ऊपर वाला मंदिर भक्त कृपानाथ की घनघोर तपस्या की देन है. इसका लगभग 2000 साल पुराने होने का लेख भी मौजूद है. लेकिन बिजासन माता के नीचे वाले मंदिर में हजारों साल पहले स्थापित की गई मूर्ति है. मंदिर के भगत का कहना है जो भक्त किसी शारीरिक कमजोरी, बीमारी, उम्रदराज होने के कारण से ऊपर नहीं पहुंच पाते है उनके लिए यह मंदिर नीचे बनवाया गया है.
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बिजासन माता के साथ 6 बहनों का स्थानइंदरगढ़ वाली बिजासन माता के नीचे वाले मंदिर में देवी के सात स्वरूपों के दर्शन एक ही प्रतिमा में मिलते हैं. मंदिर में विराजमान प्रतिमा में बीचों-बीच बिजासन माता और साथ में काली, गूंगी, उमा, रमा, ब्रह्माणी स्वरूपों के दर्शन मिलते हैं. मंदिर में दर्शन करने आए श्रद्धालु राहुल गर्ग ने बताया कि इंदरगढ़ वाली माता जी का नीचे बना हुआ मंदिर पांच लोगों द्वारा स्थापित किया गया मंदिर है. माता के जो भक्त दर्शनों के लिए ऊपर नहीं जा सकते हैं या फिर 750 से ज्यादा सीढ़ियां नहीं चढ़ सकते, वह भक्त अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए यहीं पर माता के दर्शन कर सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : May 11, 2024, 18:16 IST