पलाश फूल के खिलते ही होली के आगमन का मिलता है संकेत, नेचुरल रंग बनाने में आते है काम, त्वचा के लिए बहुत लाभकारी

Last Updated:March 05, 2025, 11:57 IST
भरतपुर में बसंत ऋतु में टेसू के पेड़ नारंगी और केसरिया रंग में रंग जाते हैं, जो होली के आगमन का संकेत देते हैं. पलाश के फूलों से प्राकृतिक रंग बनता है जो त्वचा के लिए सुरक्षित और लाभकारी होता है.X
पलाश के फूल
हाइलाइट्स
बसंत में भरतपुर में टेसू के पेड़ नारंगी और केसरिया रंग में रंग जाते हैं.पलाश के फूलों से प्राकृतिक रंग बनता है, जो त्वचा के लिए सुरक्षित है.पलाश के फूलों का आयुर्वेद में औषधीय महत्व है.
भरतपुर. भरतपुर में जैसे ही बसंत ऋतु दस्तक देती है. टेसू या पलाश के पेड़ नारंगी और केसरिया रंग में रंग जाते हैं. यह खूबसूरत नजारा संकेत देता है कि होली का त्योहार अब दूर नहीं है. पलाश के पेड़ भरतपुर और आसपास के क्षेत्रों में प्राकृतिक रूप से बड़ी संख्या में पाए जाते हैं. जब इन पर फूल खिलते हैं. तो पूरा वातावरण रंग-बिरंगा और खुशनुमा हो जाता है.
पुराने समय में लोग पलाश के फूलों के खिलने की गति से मौसम का अनुमान लगाया करते थे यदि यह फूल जल्दी खिलते थे तो इसे गर्मी के जल्दी शुरू होने का संकेत माना जाता था जबकि देर से खिलने का मतलब था कि ठंड थोड़ी लंबी चलेगी. ग्रामीण इलाकों में आज भी बड़े-बुजुर्ग इन फूलों को देखकर मौसम का अंदाजा लगाते हैं. होली के रंगों में प्राकृतिक तत्वों का विशेष महत्व रहा है और टेसू के फूल इसमें अहम भूमिका निभाते हैं.
फूल से बनता है रंगपुराने समय में जब रासायनिक रंगों का प्रचलन नहीं था तब लोग इन्हीं फूलों से रंग तैयार करते थे. फूलों को पानी में भिगोकर उनका अर्क निकाल लिया जाता था जिससे एक सुंदर केसरिया रंग तैयार होता था. यह रंग न केवल त्वचा के लिए सुरक्षित था बल्कि पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचाता था. आज भी कई लोग पारंपरिक रूप से होली खेलने के लिए टेसू के फूलों से बने प्राकृतिक रंगों का उपयोग करते हैं. इससे न केवल परंपरा जीवंत बनी रहती है बल्कि लोगों को हानिकारक रासायनिक रंगों से बचाव भी मिलता है.
त्वचा के लिए लाभकारीपलाश के फूलों का उपयोग केवल रंग बनाने तक ही सीमित नहीं है. आयुर्वेद में भी इन फूलों का विशेष महत्व है. इन्हें औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है और कई पारंपरिक उपचारों में इनका उपयोग किया जाता है. पलाश के फूलों से बना पानी त्वचा के लिए लाभकारी होता है और त्वचा संबंधी समस्याओं से बचाने में मदद करता है. होली का सीधा संबंध पलाश के फूलों से है. जब यह खिलते हैं तो यह न केवल मौसम का संदेश देते हैं बल्कि होली के प्राकृतिक रंगों की परंपरा को भी जीवंत रखते हैं.
Location :
Bharatpur,Bharatpur,Rajasthan
First Published :
March 05, 2025, 11:57 IST
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इस फूल के खिलते ही होली के आगमन का मिलता है संकेत, त्वचा के लिए बहुत लाभकारी