Story Of Lakshmi Patel Of Banswara District – She News : ‘लक्ष्मी’ ने प्रताड़ना झेली, बनीं आत्मरक्षा की ‘शक्ति’

जज्बा: जनजाति बाहुल्य बांसवाड़ा जिले की लक्ष्मी पटेल ने शादी के बाद स्वयं प्रताड़ना झेली, तो बालिकाओं को मानसिक व शारीरिक रूप से मजबूत करने की ठानी। लक्ष्मी की कहानी ही कुछ ऐसी है।

वरूण भट्ट. बांसवाड़ा. शादी के बाद स्वयं ने प्रताड़ना झेली, तो बालिकाओं को मानसिक व शारीरिक रूप से मजबूत करने की ठानी। शुरुआत में एक-दो बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण देना शुरू किया। वे अब तक आठ हजार से अधिक बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दे चुकी हैं। जनजाति बाहुल्य बांसवाड़ा जिले की लक्ष्मी पटेल की कहानी ही कुछ ऐसी है।
करीब 15 वर्ष पहले अपने 6 माह के बच्चे के साथ लक्ष्मी का संघर्ष शुरू हुआ। उस समय उन्होंने न सिर्फ अपने छह माह के बच्चे को संभाला, बल्कि अपना मनोबल भी नहीं गिरने दिया। उन्होंने कराटे कोच व आत्मरक्षा प्रशिक्षक के रूप में काम शुरू किया। शुरुआती दौर में कराटे एकेडमी के जरिए बालिकाओं को प्रशिक्षित किया। इसके बाद उन्होंने महिलाओं व बालिकाओं को निशुल्क प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया।
बालिका सेवा वाहिनी बनाएंगी
जनजाति क्षेत्र के प्रत्येक गांव में लक्ष्मी जल्द ही बालिका सेवा वाहिनी की स्थापना का काम शुरू करने जा रही हैं। उन्होंने निराश्रित बालिका गृह की 25 बालिकाओं को भी आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देकर दक्ष किया है। अब ये बालिकाएं गांव व ढाणी में अन्य बालिकाओं को प्रशिक्षण देंगी और उन्हें सशक्त बनाएंगी। लक्ष्मी ने बांसवाड़ा पुलिस लाइन, सरकारी व निजी विद्यालयों आदि में भी महिलाओं को प्रशिक्षण दिया है।
चुप्पी तोड़ें, झिझकें नहीं
लक्ष्मी कहती हैं कि मैं प्रताड़ना से होने वाली पीड़ा के बारे में अच्छी तरह से जानती हूं। मैं नहीं चाहती कि जिस दौर से मैं गुजरी, उससे किसी अन्य महिला को गुजरना पड़े। बालिकाओं को झिझक छोड़नी होगी व चुप्पी तोड़नी होगी। यही सोचकर मैंने बालिकाओं और महिलाओं को मजबूत बनाने की दिशा में काम शुरू किया।