फसलों को नुकसान पहुंचा रही हैं कातरा कीट की लटें, मिल गया बचाने का सॉलिड तरीका
राहुल मनोहर/सीकर: अभी राजस्थान के खेतों में बाजरा, गेहूं, जौ और चना आदि फसलें लहरा रही हैं. बारिश के बाद किसान खेतों में खरपतवार अलग हटाने में जुटे हुए हैं. इस बीच खेतों में लहरा रही खरीफ फसलों पर कातरा कीट का प्रकोप मंडराने लगा है. मूंग, बाजरा और ज्वार सहित अन्य फसलों के पौधों के पत्तों को कातरा (कीट) चट करने लगा है. सीकर, चूरू, झुंझुनू और नागौर सहित राजस्थान के कई जिलों में इसका प्रकोप देखने को मिला है. लट वाली अवस्था ही फसलों को नुकसान कर रही है. इसे लेकर किसान चिंतित है.
मादा कीट समूह में 1500 देती है अंडेमानसून की वर्षा के साथ ये कीट जमीन से निकलते है और मादा पतंगा पत्तियों की निचली सतह पर समूह में पोस्त के दाने के आकार के पीले रंग के अंडे देती है. मादा कीट अलग-अलग समूह में 600-700 अंडे देती हैं. इन अंडों से 2-3 दिन में छोटी-छोटी लटें निकलती हैं. 40-50 दिन तक कीट की यही अवस्था फसलों को सबसे अधिक नुकसान करती है.
कीट पतंगों को खत्म करने और फसलों को बचाने का तरीकाउन्नत किसान राजू ढाका ने बताया कि खड़ी फसल में लट दिखाई देने पर क्यूनालफॉस या क्लॉरपायरीफॉस 2 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें. कीट के पतंगों को किसान प्रकाश की तरफ आकर्षित करें. इसके लिए खेत की मेड़ पर गैस, लालटेन या बिजली का बल्ब जलाएं और नीचे कीटनाशक मिली पानी की परात रखें इससे कातरा कीट पूरी तरह खत्म हो जाएगा.
FIRST PUBLISHED : July 27, 2024, 10:37 IST