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Strongest Solar Flare 2025 Blackout In Europe And Africa | सूरज पर 2025 के सबसे ताकतवर विस्फोट ने अफ्रीका-यूरोप का रेडियो सिग्नल उड़ाया, ब्लैकआउट से हड़कंप

Last Updated:November 11, 2025, 22:31 IST

Solar Flare 2025 News: सूरज पर सोमवार को X5.1 क्लास का सोलर फ्लेयर फटा, जो 2025 का सबसे शक्तिशाली विस्फोट है. इस धमाके से अफ्रीका और यूरोप में R3-लेवल का रेडियो ब्लैकआउट हुआ और हाई-फ्रिक्वेंसी कम्युनिकेशन ठप पड़ गया. यह विस्फोट AR4274 सनस्पॉट से हुआ, जिसने 9 और 10 नवंबर को भी फ्लेयर्स छोड़े थे.70 लाख KM/घंटा की रफ्तार से तबाही! सूरज पर 2025 के सबसे ताकतवर विस्फोट से खतराधरती की ओर 70 लाख किमी/घंटा की रफ्तार से आ रहा CME (File Photo : NASA SVS)नई दिल्ली: सूरज ने सोमवार सुबह ऐसा विस्फोट किया जिसने पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों को हिला दिया. नासा और NOAA (National Oceanic and Atmospheric Administration) के मुताबिक, सूरज की सतह पर X5.1 क्लास का सोलर फ्लेयर फटा. यह 2025 का सबसे शक्तिशाली विस्फोट है और अक्टूबर 2024 के बाद का सबसे बड़ा सौर धमाका माना जा रहा है. यह विस्फोट भारतीय समयानुसार सुबह लगभग 3:30 बजे (5 a.m. EST / 10:00 GMT) पर हुआ. यह धमाका सूरज के AR4274 नामक सनस्पॉट से निकला, जो पिछले कई दिनों से अत्यधिक सक्रिय था. इस फ्लेयर ने पृथ्वी की सूरज की ओर वाली साइड पर तेज असर डाला, जिससे अफ्रीका और यूरोप में रेडियो ब्लैकआउट दर्ज किया गया. इस विस्फोट की गति भी चौंकाने वाली थी. 4.4 मिलियन मील प्रति घंटा (लगभग 70 लाख किमी/घंटा) की रफ्तार से निकला CME सीधे पृथ्वी की दिशा में बढ़ रहा है और 11 नवंबर की देर रात या 12 नवंबर की सुबह टकराने की संभावना है.

धरती की तरफ तेजी से आ रही तबाही!

NOAA के Space Weather Prediction Center के मुताबिक, इस विस्फोट से निकलने वाले X-रे और अल्ट्रावायलेट रेडिएशन ने पृथ्वी के ऊपरी वायुमंडल को आयनाइज कर दिया, जिसके कारण R3-लेवल का रेडियो ब्लैकआउट हुआ. कई देशों में हाई-फ्रिक्वेंसी रेडियो संचार पूरी तरह ठप पड़ गया.

वैज्ञानिकों के अनुसार, यह केवल एक विस्फोट नहीं है. यह AR4274 सनस्पॉट से लगातार हो रहे सोलर एक्टिविटी सीक्वेंस का हिस्सा है. इससे पहले 9 नवंबर को X1.7 फ्लेयर और 10 नवंबर को X1.2 फ्लेयर दर्ज किया गया था. दोनों घटनाओं के साथ शक्तिशाली Coronal Mass Ejections (CMEs) भी निकले थे, जो अब पृथ्वी की ओर बढ़ रहे हैं.
इन तीनों CMEs के टकराने से तेज भू-चुंबकीय तूफान (Geomagnetic Storm) की आशंका है. NOAA ने चेतावनी दी है कि यदि सभी CME एक साथ पृथ्वी से टकराते हैं, तो रात तक G4 या G5 लेवल का स्टॉर्म बन सकता है. इसका मतलब है ऑरोरा (उत्तरी रोशनी) जैसी घटनाएं अमेरिका, यूरोप और एशिया के कई हिस्सों में दिखाई दे सकती हैं. और सैटेलाइट सिग्नल या पावर ग्रिड पर भी असर पड़ सकता है.
सोलर फ्लेयर की ताकत को A, B, C, M और X क्लास में बांटा जाता है. X क्लास सबसे शक्तिशाली होती है, और X5.1 का मतलब है कि यह फ्लेयर सामान्य X फ्लेयर्स से 5 गुना ज्यादा शक्तिशाली था.
वैज्ञानिकों का कहना है कि यह विस्फोट सोलर साइकिल 25 के सबसे ऊर्जावान चरणों में से एक है. सूरज की बढ़ती गतिविधि से यह साफ है कि हम आने वाले महीनों में और भी बड़े फ्लेयर्स देख सकते हैं.

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