Success Story: 2 दोस्तों ने लगाया वर्मी कंपोस्ट प्लांट, जैविक खाद बना कमा रहे लाखों का मुनाफा
सुनील साहू/चित्तौड़गढ़. राजस्थान के चित्तौड़गढ़ के कपासन तहसील मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत धमाणा के 2 युवाओं ने मिलकर कुछ नया करने का सपना सजाया और खेतों में किसान परिवार की वर्तमान स्थिति को देखते हुए वर्मी कंपोस्ट अर्थात केंचुए से निर्मित जैविक खाद का प्लांट लगाया. आलम यह है कि अब वर्मी कंम्पोस्ट से ये दोनों दोस्त सालाना अच्छा मुनाफा कमा रहे है.
ये दोनों युवा मोनू त्रिपाठी और गोवर्धन सुथार हैं. इनका उद्देश्य था कि बाजार में जो रासायनिक खाद यूरिया व डीएपी मिल रहे हैं. इन रसायनिक उर्वरकों की वजह से अच्छे खासे खेत बंजर भूमि में तब्दील हो रहे हैं. वहीं इनकी मदद से उत्पन्न होने वाली फसल व सब्जियों से मानव शरीर पर हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है. युवा वर्ग में इन रासायनिक उर्वरक की वजह से अनेक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. ऐसे में जैविक खाद का अपने खेतों में प्रयोग करने से फसल की उपजाऊ क्षमता में वृद्धि की जा सकती है खेतों को बंजर होने से बचाया जा सकता है.
प्लांट में केंचुए निर्मित खाद तैयार की जाती है
मोनू त्रिपाठी ने बताया कि खजुरिया श्याम नाम से स्थित हमारे प्लांट में केंचुए से निर्मित खाद तैयार की जाती है. हर 2 माह में एक बार एक बैड तैयार हो जाता है. खेत में प्रयोग लेने हेतु जैविक खाद तैयार हो जाता है प्रत्येक बेड को तैयार होने में 10 से 15 किलोग्राम केंचुए का प्रयोग किया जाता है. इस जैविक खाद का प्रयोग अधिकतर किसान परिवार अफीम की खेती के समय करते हैं. जैविक खाद बनाने के लिए एक बेड में गाय पर भैंस के गोबर के साथ के केंचुए को मिलाया जाता है. साथ ही जैविक खाद बनाने से पूर्व खाद में से मेथेन गैस निकालने के पश्चात उसे छलने के लिए लिए मशीन में डाल दिया जाता है तथा रेतनुमा रूप में जैविक खाद प्राप्त होता है.
वहीं, गोवर्धन सुथार ने बताया कि दोनों दोस्तों ने कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद एग्रीकल्चर के फील्ड में जैविक खाद बनाने के लिए हाथ आजमाया इन दोनों युवाओं ने अपना व्यापार शुरू करने से पहले टीन-शेड बेड निर्माण के लिए 1500000 का खर्च आया. जिसमें 25 बेड का निर्माण व जैविक खाद को छानने की मशीन खरीदी गई. अब हर साल इस प्लांट से हमको सालाना 8 से 9 लाख कामुनाफाहो रहा है.
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FIRST PUBLISHED : August 13, 2023, 11:17 IST