Rajasthan

Success Story: 24 साल में 16 बार एग्‍जाम में फेल, फिर भी नहीं मानी हार, अब इस शख्‍स को मिली सरकारी नौकरी

मनमोहन सेजू/बाड़मेर. साल 1999 में 12वीं करने बाद से लगातार सरकारी नौकरी के लिए तमाम प्रयास किए, लेकिन हर बार असफलता ही हाथ लगी. असफलता एक दो बार नहीं बल्कि 16 बार मिली. इससे भी बाड़मेर के सनावड़ा गांव के रहने वाले भंवरलाल मुंढ ने हार नहीं मानी. आखिरकार 41 साल की उम्र में उन्‍होंने बाजी मारते हुए सरकारी नौकरी हासिल की है.

पश्चिम राजस्थान के बाड़मेर जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर स्थित सनावड़ा के भंवरलाल का हाल ही में तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती सामाजिक विज्ञान से चयन हुआ है. उन्‍होंने कई भर्तियों में बहुत कम अंकों से पीछे रहने के बावजूद भी हिम्मत नहीं हारी. यही नहीं, आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण 2010 में उन्‍होंने बीएड कर पढ़ाई के साथ गुजरात के ऊंझा में बतौर मजदूर काम भी किया.

10 साल तक की मजदूरी
बता दें कि भंवरलाल ने मजदूरी के साथ पढ़ाई को जारी रखा. जबकि 1 बार असफल रहने के बाद भी उन्‍होंने अपना हौसला बनाए रखा. यही वजह है कि 24 साल की कड़ी मेहनत के बाद उनको सरकारी नौकरी मिली है. इससे न सिर्फ उनके घरवाले बल्कि जानकार भी बहुत खुश हैं. भंवरलाल ने बताया कि 1999 में 12वीं की थी. इसके बाद 10 साल तक आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण पढ़ाई छोड़कर मजदूरी की. साल 2010 में बीएड की और साल 2011-12 द्वितीय श्रेणी में कुछ अंकों से अंतिम सूची में असफल रह गया. साल 2012 में तृतीय श्रेणी प्रोविजनल लिस्ट (तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती) में चयन हुआ, लेकिन फाइनल सूची में 1 नंबर से चूक गया.

फाइनल में हुआ चयन, लेकिन…
भंवरलाल ने साथ ही बताया कि साल 2013 में जेल प्रहरी में लिखित और दौड़ परीखा पास कर ली, लेकिन मेडिकल में बाहर हो गए. साल 2013 में रोडवेज कंडक्टर भर्ती में भी असफलता हाथ लगी. इसी साल तृतीय श्रेणी (अध्यापक भर्ती) में फाइनल सलेक्शन हो गया, लेकिन पात्रता का मामला कोर्ट में होने के कारण ज्‍वाइनिंग पर रोक लग गई. हालांकि पात्रता का मामला 2 साल बाद सुप्रीम कोर्ट से जीत गए, लेकिन तब तक रिजल्ट रिवाइज हो गया और फाइनल मेरिट से बाहर हो गए. यानी एक बार फिर नौकरी की उम्‍मीद टूट गई. इसके बाद रेलवे में 3 बार फिजीकल और रिटर्न पास किया, लेकिन हर बार फाइनल मेरिट में असफलता ही हाथ लगी. साल 2016-17 में ग्राम सेवक व पटवारी में महज कुछ अंकों से अंतिम सूची में असफल रहा. साल 2018 में द्वितीय श्रेणी में 1-2 नम्बर से असफल रहे. साल 2018 में रीट में .25 से असफलता हाथ लगी. इसके अलावा साल 2021 रीट में 127 नंबर आए, लेकिन भर्ती रद्द हो गई. अब साल 2023 में जनरल कैटेगरी से सामाजिक विज्ञान विषय से अंतिम रूप से चयन हुआ है. फिलहाल भंवरलाल के संघर्ष की पूरे इलाके में चर्चा हो रही है.

Tags: Barmer news, Government job, Local18, Rajasthan news, Success Story

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