Success Story: इंजीनियरिंग के बाद नहीं लगी नौकरी, किया ऐसा काम, अब अपने जैसों को देते हैं जॉब
Success Story: यह कहानी है राजस्थान, जयपुर के अक्षत चतुर्वेदी की. अक्षत बचपन से पढ़ाई-लिखाई में अच्छे थे, इसलिए सरस्वती विधान निकेतन में 10वीं की परीक्षा में उन्होंने 88 प्रतिशत अंक पाए. इसके बाद जब महेश्वरी पब्लिक स्कूल से 12वीं की परीक्षा दी, तो उन्होंने 85 प्रतिशत अंकों के साथ इसे भी पास कर लिया. 2020 में उन्होंने कंप्यूटर साइंस से बीटेक के लिए जिस कॉलेज में एडमिशन लिया, वहां की विभिन्न ब्रांचों के लगभग 300 छात्रों का कैंपस प्लेसमेंट हो गया, लेकिन मात्र 5 लोगों का चयन नहीं हुआ, जिनमें अक्षत भी शामिल थे. इसके बाद अक्षत ने कभी नौकरी की तरफ मुड़कर नहीं देखा और खुद का कुछ करने की ठानी.
शुरू कर दिया खुद का कामअक्षत ने कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की थी, इसलिए उन्होंने सोचा, क्यों न जब तक नौकरी नहीं मिलती है, तब तक फ्रीलांसिंग के तौर पर ऐप या वेब डेवलपर का काम किया जाए. जब वह इस फील्ड में उतरे, तो उन्हें इसमें मन लगने लगा. फिर उन्होंने अपनी खुद की वेबसाइट बनाई और कई कंपनियों को ऐप व वेब डवलपमेंट से संबंधित सेवाएं देने लगे. इसके बाद उन्होंने ब्रेन बॉक्स (Brain Box Apps) नाम से एक कंपनी बना ली और इसके माध्यम से काम करने लगे. देखते ही देखते उनका काम बढ़ने लगा. अब उनके पास यूएस, दुबई, फ्रांस, सऊदी अरबिया आदि जगहों से भी काम आने लगा. आज उनकी कंपनी 600 से अधिक कंपनियों को आईटी सेवाएं दे रही है. उनकी कंपनी अब करोड़ों का कारोबार कर रही है.
अब लोगों को देते हैं नौकरीअक्षत चतुर्वेदी बताते हैं कि वह खुद नौकरी तो नहीं कर सके, लेकिन जैसे-जैसे उनका काम बढ़ता गया, वह अपने जैसे बीटेक पास लोगों को नौकरी देने लगे. उनके साथ अभी 15 लोगों की टीम काम कर रही है. इसके अलावा फील्ड वर्क में भी 20 से 30 लोग हैं, जो मार्केट रिसर्च और क्लाइंट सर्विसेज आदि का काम देखते हैं. वह कहते हैं कि नौकरी नहीं मिलने से निराशा जरूर हुई, लेकिन हमें क्या पता था कि हम नौकरी करने के लिए नहीं, बल्कि अपने जैसे लोगों के लिए कुछ काम करने आए हैं. आज उनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर करोड़ों में पहुंच गया है.
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FIRST PUBLISHED : October 2, 2024, 18:33 IST