Success Story: NEET में 3 बार फेल, 1 जीत…कोटा के दीक्षित सिंह बने भारत के टॉप फूड ब्लॉगर!, रचा इतिहास

रिपोर्ट: देवेंद्र सेन
कोटा. हर साल देशभर से हजारों स्टूडेंट्स डॉक्टर या इंजीनियर बनने के सपने लेकर यहां आते हैं. उन्हीं में से एक थे बिहार के छोटे शहर से आए दीक्षित सिंह. 2015 में NEET की तैयारी के लिए कोटा पहुं. दिल में उमंग, आंखों में चमक और भविष्य की खूबसूरत तस्वीर. लेकिन किस्मत को कुछ और मंज़ूर था.
तीन बार NEET दिया, तीनों बार फेल. हर बार उम्मीदें टूटीं, आत्मविश्वास डगमगाया. दीक्षित कहते हैं, “हर बार लगता था- अब बस, कुछ नहीं हो पाएगा. लेकिन कोटा ने मुझे किताबों के साथ ज़िंदगी जीना सिखाया.”एक दिन खुद से सवाल किया: “डॉक्टर नहीं बन सका, तो सपना देखना छोड़ दूं?” जवाब मिला—नहीं! उसी पल राह बदली. लिखने और खाना बनाने का पुराना शौक जुनून बना.
जुनून को पेशा बनायासोशल मीडिया पर फूड ब्लॉगिंग शुरू की. कोटा के कैफे, होटल और रेस्टोरेंट्स की डिशेज़ की तस्वीरें, रिव्यू पोस्ट करने लगे. शुरुआत में लाइक्स कम, लगन ज़्यादा. धीरे-धीरे लोग पसंद करने लगे.
आज कोटा के टॉप फूड ब्लॉगरआज दीक्षित कोटा के सबसे पॉपुलर फूड ब्लॉगर्स में शुमार हैं. इंस्टाग्राम पर 1.25 लाख+ फॉलोअर्स. बड़े रेस्टोरेंट्स और होटल्स प्रमोशन के लिए संपर्क करते हैं. वह कहते हैं, “अब वही कर रहा हूं जो सच में खुशी देता है. कोटा ने मुझे जीवन का असली स्वाद चखाया.”
असफलता से मिली पहचानदीक्षित मानते हैं: “असफलता ही सफलता की असली शुरुआत है. NEET में फेल न होता, तो पैशन नहीं पहचान पाता.” कोटा अब उनके लिए सिर्फ कोचिंग सिटी नहीं—सपनों को नए रास्ते देने वाली धरती है. मुस्कुराते हुए कहते हैं, “कोटा डॉक्टर-इंजीनियर ही नहीं बनाता, इंसान को खुद से मिलवाता है.”
दीक्षित की कहानी उन तमाम स्टूडेंट्स के लिए संदेश है जो सपनों के बोझ तले दब जाते हैं. ज़िंदगी एक एग्जाम से नहीं, हिम्मत से पास होती है.



