Success Story: भारत का असली ब्रूस ली… स्कूल का डरा हुआ बच्चा बना इंटरनेशनल मार्शल आर्ट कोच! जानें संघर्ष की कहानी

Last Updated:October 15, 2025, 16:21 IST
Pali News: शिहान राजकुमार मेनारिया ने ब्रूस ली से प्रेरित होकर मार्शल आर्ट्स में भारत को सात स्वर्ण पदक दिलाए, राष्ट्रपति अवॉर्ड जीता और 80 हजार महिलाओं को आत्मरक्षा सिखाई.
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राजस्थान. किसने सोचा था कि बचपन में स्कूल की क्लास में डरा-सहमा बैठने वाला एक बच्चा आगे चलकर अंतरराष्ट्रीय मार्शल आर्ट कोच बनेगा और भारत को सात-सात बार स्वर्ण पदक दिलाएगा. जिस बच्चे ने कभी खुद पर यकीन नहीं किया था, वही आज लाखों युवाओं और महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गया है. यह कहानी है अंतरराष्ट्रीय मार्शल आर्ट कोच शिहान राजकुमार मेनारिया की, जिन्होंने अमेरिकी एक्टर ब्रूस ली को अपना गुरु मानकर अपनी पहचान बनाई और दुनिया में भारत का नाम रोशन किया. भारत के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय आर वेंकटरमन ने भी उन्हें राष्ट्रपति अवॉर्ड से सम्मानित किया था.
शिहान राजकुमार मेनारिया बताते हैं कि उन्होंने सुना था कि जीवन संघर्ष है, लेकिन जब उन्होंने उसे जिया, तो उसका अर्थ बिल्कुल अलग था. उनकी कहानी तीसरी कक्षा से शुरू हुई. उस समय स्कूल में वे अक्सर बैकबेंचर्स से मार खाते थे. उसी समय उन्होंने ठान लिया कि बड़ा होकर कुछ ऐसा करेंगे कि कोई उन्हें कमजोर न समझे. आठवीं तक का समय उनके लिए कठिन था, लेकिन एक दिन उन्होंने ब्रूस ली की फिल्म देखी, जिसका टिकट सिर्फ 15 पैसे का था. उस फिल्म ने उनकी जिंदगी बदल दी. वहीं से ब्रूस ली उनके पहले गुरु बने. उन्होंने रात-दिन अभ्यास शुरू किया और किसी को बताए बिना मेहनत जारी रखी. आखिरकार वह समय आया जब उन्होंने जापान से भारत के लिए ब्लैक बेल्ट जीता. राजस्थान में ब्लैक बेल्ट लाने वाले वे पहले खिलाड़ी बने और फिर राष्ट्रपति अवॉर्ड के लिए चुने गए.
संघर्ष से सफलता तक की यात्रा और उपलब्धियांशिहान राजकुमार मेनारिया न केवल एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के कोच हैं, बल्कि अपराजेय अखिल भारतीय चैंपियन भी हैं, जो आज तक कोई मैच नहीं हारे. उन्होंने 6 डिग्री ब्लैक बेल्ट गो-जू रयू जापान, 3 डिग्री ब्लैक बेल्ट कूडो इंटरनेशनल फेडरेशन (KIF) जापान और 2 डिग्री ब्लैक बेल्ट जूडो इंडिया में हासिल की है. वे कुडो फेडरेशन ऑफ राजस्थान के पूर्व अध्यक्ष और रेफरी काउंसिल KIFI इंडिया के पूर्व उपाध्यक्ष रह चुके हैं. साथ ही वे सेंसेई राज एकेडमी ऑफ सेल्फ डिफेंस एंड फिटनेस और विराफस गो-जू यूनिवर्सिटी ऑफ मार्शल आर्ट्स इंडिया के संस्थापक निदेशक भी हैं.
महिलाओं को आत्मरक्षा सिखाने का अभियान
शिहान राजकुमार ने “स्वयं रक्षाम” नामक एक अभियान चलाया, जिसके माध्यम से उन्होंने महिलाओं और लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाने का बीड़ा उठाया. 2006 में अमेरिका से शुरू हुए इस अभियान के तहत वे अब तक 80 हजार से ज्यादा महिलाओं और लड़कियों को प्रशिक्षण दे चुके हैं. वे मेवाड़ की वीरभूमि उदयपुर में जन्मे और वर्तमान में जोधपुर, पाली सहित राजस्थान के कई जिलों में प्रशिक्षण दे रहे हैं.
भारत को दिलाए सात स्वर्ण पदकशिहान राजकुमार मेनारिया भारत में पुलिस और सुरक्षा बलों के मानद यूएसी कमांडो प्रशिक्षक भी हैं. उन्होंने लगातार सात वर्षों तक भारत को स्वर्ण पदक दिलाया और देश को गौरवान्वित किया. उनके नेतृत्व में टीम कुडो राजस्थान ने 2015 से 2024 तक लगातार नौ वर्षों तक ऑल इंडिया कूडो चैंपियन बनकर इतिहास रच दिया.
नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर पहचान
शिहान राजकुमार मेनारिया बोइंग सिक्योरिटी सिएटल, वाशिंगटन, अमेरिका, ओकिनावान गो-जू रियु मार्शल आर्ट्स जापान, कूडो इंटरनेशनल फेडरेशन जापान और जूडो फेडरेशन ऑफ इंडिया जैसे संस्थानों में प्रशिक्षण दे चुके हैं. इसके अलावा वे भारतीय सेना, नौसेना, वायुसेना, दिल्ली पुलिस, एसीबी राजस्थान, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, एनसीसी और राजस्थान महिला पुलिस एक्शन टीम को भी ट्रेनिंग दे चुके हैं. आज शिहान राजकुमार मेनारिया न सिर्फ एक कोच हैं, बल्कि एक प्रेरणा हैं जिन्होंने अपने संघर्ष को अपनी ताकत में बदला और भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया.
Anand Pandey
नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें
नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल… और पढ़ें
First Published :
October 15, 2025, 16:21 IST
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भारत का असली ब्रूस ली… स्कूल का डरा हुआ बच्चा बना इंटरनेशनल मार्शल आर्ट कोच!