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Success Story : पापा की दुकान से कोर्ट तक का सफर… भव्या की कहानी हर बेटी के दिल में जगा देगी आग!

अलवर. भिवाड़ी की होनहार बेटी भव्या गुप्ता ने मध्य प्रदेश सिविल जज, जूनियर डिवीजन (प्रवेश स्तर) परीक्षा–2022 में शानदार सफलता हासिल की है. भव्या ने अपने पहले ही प्रयास में 35वीं रैंक प्राप्त कर सिविल जज का पद हासिल किया है. इस उपलब्धि के बाद उनके परिवार, रिश्तेदारों और शुभचिंतकों ने फूल-मालाओं और मिठाइयों से उनका जोरदार स्वागत किया. उनके घर पर जश्न का माहौल रहा और पूरे परिवार ने ढोल-नगाड़ों पर नाचकर खुशी जाहिर की.

भव्या गुप्ता भिवाड़ी निवासी देवकी नंदन गुप्ता और पुष्पा गुप्ता की बेटी हैं. उनके पिता भिवाड़ी में 1995 से एक इलेक्ट्रिकल दुकान चला रहे हैं, जबकि माता गृहिणी हैं. मूल रूप से परिवार हरियाणा के तावडू शहर का है. भव्या का भाई गुरुग्राम की एक प्रतिष्ठित एमएनसी कंपनी में कार्यरत है. भव्या की सफलता से न केवल उनका परिवार बल्कि पूरा भिवाड़ी शहर गर्व महसूस कर रहा है.

शिक्षा में शुरू से रहीं मेधावी
भव्या की प्रारंभिक शिक्षा रेवाड़ी के आरपीएस पब्लिक स्कूल से हुई, जहाँ से उन्होंने 10वीं और 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की. इसके बाद उन्होंने धर्मशास्त्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, जबलपुर से बीएएलएलबी (ऑनर्स) की पढ़ाई पूरी की. इसके उपरांत रैफल्स विश्वविद्यालय, नीमराना से एलएलएम की उपाधि प्राप्त की. वर्तमान में वह धर्मशास्त्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, जबलपुर में जेआरएफ शोधार्थी के रूप में कार्यरत हैं.

परिवार का सहयोग बना प्रेरणाभव्या ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, भाई और परिवार के सहयोग को दिया. उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि उनके मम्मी-पापा का सपना थी, जिसे उन्होंने मेहनत और लगन से पूरा किया है. भव्या ने बताया कि उन्होंने रोजाना लगभग 12 घंटे तक लाइब्रेरी में अध्ययन किया और पूरी निष्ठा के साथ तैयारी की. उन्होंने कहा कि जब जज की तैयारी कर रही थीं तो पूरी उम्मीद थी कि इस परीक्षा में सफलता मिलेगी. उन्होंने कहा कि परिवार में भाई, भाभी और कजिन बहन का इमोशनल सहयोग था. उनका पूरा विश्वास था कि उनको सफलता मिलेगी और आज सफलता मिलने से उनको बहुत खुशी मिली. उन्होंने कहा कि नियमितता, आत्मविश्वास और परिवार का सहयोग ही सफलता की कुंजी रहा. भव्या की इस उपलब्धि पर महावर वैश्य समाज, भिवाड़ी ने भी उन्हें साफा, माला और शॉल पहनाकर सम्मानित किया. समाज के सदस्यों ने कहा कि भव्या अपनी संवेदनशीलता और न्यायप्रियता से समाज की सेवा करेंगी.

मां-पिता ने जताई खुशीभव्या की मां पुष्पा गुप्ता ने भावुक होकर कहा कि वह शब्दों में अपनी खुशी व्यक्त नहीं कर सकतीं. उन्होंने बिहारी जी का धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्होंने उनकी बेटी को यह स्वर्ण अवसर प्रदान किया. उन्होंने कहा, “आज मुझे गर्व है कि मैं एक जज की मां हूं.” वहीं, भव्या के पिता देवकी नंदन गुप्ता ने कहा कि बेटी की सफलता ने पूरे परिवार को गौरवान्वित कर दिया है. भव्या की मेहनत, लगन और आत्मविश्वास आज हर युवा के लिए प्रेरणा बन गए हैं. उनकी सफलता यह साबित करती है कि सच्ची लगन और निरंतर प्रयास से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है.

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