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Success Story : पिता के साथ मजदूरी की, शादी में केटरिंग का काम, फिर कैंसर को हरा बने RAS अफसर!

Last Updated:October 27, 2025, 15:42 IST

Barmer News: सरहदी चौहटन के छोटे से गांव आंटिया के दीपक कुमार द्रविड़ ने गरीबी, बीमारी और मुश्किल हालातों को हराकर RAS परीक्षा में सफलता हासिल की है. दीपक कुमार ने एससी वर्ग में 55वीं रैंक हासिल की है. जानें उनके सफलता की कहानी.

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बाड़मेर. रेगिस्तान की तपती धूप में मजदूर पिता के साथ संघर्षों की रेत पर सपनों के बीज बोए और आज वही सपने हकीकत बन गए हैं. सरहदी चौहटन के छोटे से गांव आंटिया के दीपक कुमार द्रविड़ ने गरीबी, बीमारी और मुश्किल हालातों को हराकर RAS परीक्षा में सफलता हासिल की है. दीपक कुमार ने एससी वर्ग में 55वीं रैंक प्राप्त की है.

चौहटन उपखण्ड क्षेत्र के आंटिया गांव के दीपक कुमार द्रविड़ की कहानी हिम्मत, जज्बे और संघर्ष की मिसाल है. मजदूर परिवार में जन्मे दीपक ने वो कर दिखाया जो मुश्किल हालातों में लोग सोच भी नहीं पाते हैं. दीपक के पिता देराजराम दिहाड़ी मजदूर हैं और माता पपु देवी गृहणी हैं.

दसवीं में ब्लड कैंसर से जीती जंग, फिर कुछ करने की ठानीदसवीं कक्षा में पढ़ाई के दौरान दीपक को ब्लड कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो गई. कई लोग ऐसे समय में टूट जाते हैं लेकिन दीपक और उनके परिवार ने उम्मीद नहीं छोड़ी. मजदूर माता-पिता और नाना-नानी ने हर संभव कोशिश कर इलाज करवाया और धीरे-धीरे जिंदगी पटरी पर लौटी. इस अनुभव ने दीपक को और मजबूत बना दिया और उन्होंने ठान लिया कि अब जीवन में कुछ बड़ा करना है.

पहले शिक्षक, फिर असिस्टेंट प्रोफेसर और अब RAS अधिकारी
दीपक बताते हैं कि बचपन से ही परिस्थितियां उनके खिलाफ थीं. ब्लड कैंसर से उभरने के बाद उन्होंने 2018-19 में एलडीसी भर्ती, रेलवे ग्रुप सी और नवोदय विद्यालय की परीक्षाएं पास कीं. इसके बाद 2019 में केंद्रीय विद्यालय पुणे में शिक्षक के रूप में चयन हुआ. लेकिन दीपक ने यहीं रुकना ठीक नहीं समझा. उन्होंने पढ़ाई जारी रखी और 2024 में असिस्टेंट प्रोफेसर हिंदी विषय के रूप में चयन हो गया. वर्तमान में दीपक कुमार हाड़ा रानी राजकीय पीजी कॉलेज सलूम्बर में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं.

एससी वर्ग में हासिल की 55वीं रैंकदीपक का सपना सरकारी सेवा में ऊँचा मुकाम हासिल करने का था. सीमित संसाधनों और कठिन परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने दिन-रात मेहनत की और आखिरकार दूसरे प्रयास में RAS परीक्षा में सफलता प्राप्त की. दीपक ने ऑल ओवर 1296वीं रैंक हासिल की है जबकि एससी वर्ग में 55वीं रैंक प्राप्त की है.

पहले मजदूरी की, फिर शादी में केटरिंग का काम कियादीपक बताते हैं कि पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने घर चलाने के लिए मजदूरी की. कई बार शादियों में केटरिंग का काम भी किया. वह कहते हैं कि कभी लगा नहीं कि हालात कमजोर हैं, बस मन मजबूत रखा और खुद पर भरोसा किया. उन्होंने कहा कि सफलता के लिए दृढ़ संकल्प जरूरी है.

Anand Pandey

नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें

नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल… और पढ़ें

Location :

Barmer,Rajasthan

First Published :

October 27, 2025, 15:42 IST

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पिता के साथ मजदूरी की, शादी में केटरिंग का काम, फिर कैंसर को हरा बने RAS अफसर!

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